महीनों की जांच के बाद, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के विशेष जांच दल (एसआईटी) ने पाया है कि शाहरुख खान(ShahRukh Khan) और गौरी खान(Gauri Khan) के बेटे आर्यन खान(Aryan Khan) “ड्रग्स की बड़ी साजिश” का हिस्सा नहीं थे। एसआईटी ने कहा है कि “इस बात का कोई सबूत नहीं है कि आर्यन खान एक बड़ी ड्रग्स साजिश या एक अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स तस्करी सिंडिकेट का हिस्सा थे”
हिंदुस्तान टाइम्स की एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, एसआईटी ने यह भी खुलासा किया है कि उनकी जांच के दौरान यॉट कॉर्डेलिया पर छापेमारी में कई अनियमितताएं सामने आईं। एसआईटी के प्रमुख निष्कर्षों में शाहरुख खान के बेटे के पास कोई ड्रग्स नहीं होना शामिल है, इसलिए, उसे अपना फोन सरेंडर नहीं करना पड़ा और उसकी चैट की जांच करने की कोई आवश्यकता नहीं थी। जहां तक जानकारी का सवाल है, आर्यन खान की चैट में किसी अंतरराष्ट्रीय नारकोटिक्स सिंडिकेट का संकेत नहीं था।
रिपोर्ट से यह भी पता चला है कि एनसीबी के क्रूज रेड की वीडियो-रिकॉर्डिंग नहीं की गई थी। एनसीबी नियम के अनुसार, छापे को वीडियो पर रिकॉर्ड किया जाना चाहिए। एक अन्य महत्वपूर्ण खोज यह थी कि मामले में गिरफ्तार किए गए कई लोगों के पास से बरामद नशीले पदार्थ को एक साथ रखकर दिखाया गया। ऐसे में जिसके पास जितना नशीला पदार्थ है उसकी रिकॉर्डिंग होनी चाहिए।
आर्यन के खिलाफ कोई सबूत नहीं होने के बावजूद एसआईटी की जांच अभी पूरी तरह से पूरी नहीं हुई है। अंतिम रिपोर्ट कुछ महीनों में एनसीबी के महानिदेशक एस एन प्रधान को सौंपी जाएगी। बॉम्बे हाईकोर्ट ने भी अपने जमानत आदेश में इसी तरह का बयान दिया था। अदालत ने कहा था कि आर्यन, मुनमुन धमेचा और अरबाज मर्चेंट के व्हाट्सएप चैट में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं पाया गया। ऐसा कोई भी पॉजिटिव सबूत नहीं है कि जिससे कोर्ट में यह साबित किया जाए कि आर्यन खान, अरबाज़ मर्चेंट और मुनमुन धमेचा एक साथ कुछ ऐसा करने वहां आए थे जो कानून के खिलाफ है। इन सभी के चैट्स में भी कुछ गलत या गैर कानूनी नहीं मिला!