बॉक्स ऑफिस कलेक्शन डे 3: ‘सुई धागा’ ने की ताबड़तोड़ कमाई, ममता-मौजी के संघर्ष ने लोगों का जीता दिल

वरुण धवन और अनुष्का शर्मा की फिल्म 'सुई धागा' के कलेक्शन में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है...

वरुण धवन और अनुष्का शर्मा की फिल्म ‘सुई धागा’ बॉक्स ऑफिस पर लगातार कमाई कर रही है। फिल्म में दर्शकों को ममता और मौजी का सफर काफी दिलचस्प लग रहा है। इसका सबूत ये है कि फिल्म के कलेक्शन में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। फिल्म ने रविवार को 16 करोड़ की जबरदस्त कमाई की। बताते चले कि शुक्रवार को रिलीज के एक दिन पहले 8 करोड़ का बिजनेस किया था। रविवार को फिल्म की कमाई दोगनी हुई।

‘सुई धागा’ फिल्म के साथ अनुष्का शर्मा और वरुण धवन पहली बार एक साथ बड़े पर्दे पर नजर आए हैं। फिल्म ‘दम लगा के हईशा’ बना चुके डायरेक्टर शरत कटारिया एक देसी कहानी लेकर बड़े पर्दे पर लौटे हैं। उन्होंने इस फिल्म में मिडिल क्लास परिवार के संघर्ष को दिखाने की कोशिश की है। इस फिल्म के लिए वरुण धवन और अनुष्का शर्मा ने देशभर में धुंआधार प्रचार किया है। यहां तक कि सोशल मीडिया पर ‘सुई धागा’ का चैलेंज चलाकर कई बड़े सेलिब्रिटी को अपने साथ जोड़ते हुए लोगों का ध्यान आकर्षित किया था। वहीं सोमवार को वरुण धवन ने दर्शकों को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शुक्रिया बोला है।

वरुण धवन ने कुछ इस अंदाज में दर्शकों को बोला  थैक क्यू…

मिडिल क्लास फैमली के संघर्ष की दास्तान है सुई धागा

सुई धागा की कहानी दर्जी मौजी (वरुण धवन) और उसकी पत्नी ममता (अनुष्का शर्मा) पर आधारित है। मौजी अपने मालिक से परेशान होता है। मौजी का मालिक हमेशा उसका मजाक उड़ाता रहता हैं। इसके चलते एक दिन मौजी का ऐसा मजाक बनाया जाता है कि उसकी पत्नी को गुस्सा आ जाता है। उसके बाद उसकी पत्नी उसको अपना काम शुरू करने के लिए मोटिवेट करती है। जिसके बाद दोनों का संघर्ष शुरू हो जाता हैं।

अनुष्का शर्मा ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट में शेयर किया था वीडियो…

इस बीच मौजी और उसकी पत्नी ममता को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। अब अपने शुरू किए गए बिजनेस में मौजी सफल बिजनेसमैन बन पाता है या नहीं? इसके लिए आपको सिनेमाघर में फिल्म देखनी पड़ेगी। फिल्म का पहला हाफ ठीक है, लेकिन दूसरा थोड़ा खींचा हुआ लगता है। फिल्म के गाने भी बहुत ज्यादा कैंची नहीं हैं। इस फिल्म को 2200 स्क्रीन पर रिलीज किया गया है।

कविता सिंह :विवाह के लिए 36 गुण होते हैं, ऐसा फ़िल्मों में दिखाते हैं, पर लिखने के लिए 36 गुण भी कम हैं। पर लेखन के लिए थोड़े बहुत गुण तो है हीं। बाकी उम्र के साथ-साथ आ जायेंगे।