सारा अली खान की डेब्यू फिल्म केदारनाथ का पोस्टर रिलीज, सुशांत सिंह राजपूत संग दिखी ये केमिस्ट्री

सुशांत सिंह राजपूत और सारा अली खान पहली बार साथ में नजर आ रहे हैं। सुशांत सिंह सारा अली खान को पीठ पर लेकर पहाड़ चढ़ते नजर आ रहे हैं...

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सारा अली खान की डेब्यू फिल्म केदारनाथ का पोस्टर रिलीज, सुशांत सिंह राजपूत संग दिखी ये केमिस्ट्री

बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत और सारा अली खान की अपकमिंग फिल्म केदारनाथ का पहला पोस्टर रिलीज हो गया है। फिल्म के पोस्टर में सुशांत सिंह राजपूत और सारा अली खान पहली बार साथ में नजर आ रहे हैं। सुशांत सिंह सारा अली खान को पीठ पर लेकर पहाड़ चढ़ते नजर आ रहे हैं।

सारा अली खान इस फिल्म से बॉलीवुड में डेब्यू करने जा रही हैं। ये फिल्म की रिलीज को लेकर सुर्खियों में बनी हुई थी। हालांकि अब 7 दिसम्बर को से सिनेमाघरों में दिखाई जाएगी। फिल्म का पोस्टर सारा अली खान ने अपने इंस्टा पर शेयर किया है। इसके साथ ही सारा फिल्म सिंबा में नजर आएगी। इस फिल्म का निर्देशन रोहित शेट्टी कर रहे हैं।

केदारनाथ पृष्ठभूमि पर आधारित फ़िल्म केदारनाथ एक शाश्वत प्रेम कहानी है, यह प्यार और धर्म, जुनून और आध्यात्मिकता का एक शक्तिशाली मिलन है। शहर में आई इस बाढ़ में एक हजार से अधिक लोगों ने अपनी जान गवा दी थी और इसी दमदार बैकड्रॉप पर यह फ़िल्म आधारित है।

सुशांत सिंह राजपूत और नवोदित सारा अली खान अभिनीत फ़िल्म केदारनाथ ने उत्तराखंड के पहाड़ी इलाके में फ़िल्म की शूटिंग शेड्यूल को पूरा कर लिया है| आरएसवीपी और रोनी स्क्रूवाला, कंटेंट से लबालबेज फ़िल्मो को पेश करने में विश्वास करते है और अक्सर पॉवर पैक परफॉर्मेंस और प्रतिभाशाली निर्देशक की फ़िल्मो पर अपना ध्यान केंद्रित रखते है।

केदारनाथ से पहले सुशांत सिंह राजपूत ने डायरेक्टर अभिषेक कपूर के साथ, काई पो चे की है जोकि सुशांत सिंह राजपूत की डेब्यू फिल्म थी| केदारनाथ को बालाजी मोशन पिक्चर्स, गाय इन द स्काई पिक्चर्स, किरआरज एंटरटेनमेंट और टी-सीरीज़ द्वारा संयुक्त रूप से प्रस्तुत किया जा रहा है।

दिलचस्प बात यह है कि, फिल्म में सुशांत सिंह राजपूत एक पुट्ठी वाले की भूमिका निभाते हैं, एक आदमी जो सामान, पुरानी और बीमार लोगों को अपनी पीठ पर रखता है। इसी के लिए, सुशांत जिम में कड़ी तयारी कर रहे हैं।

राजपूत स्वीकार करते हैं, “हां, क्योंकि उत्तर में यह सतह खस्ता है और उसपर चलना आसान नहीं है और झुकना पड़ता है| जब आप ऊपर की तरफ बढ़ते हैं तो यह लगभग 45 डिग्री है, तो एक वजन होता है और आप बस यात्रियों को जाने नहीं दे सकते अगर आप वहां जाते हैं, तो आप देखेंगे कि पिठू के पीठों पर कुर्सियों पर बैठे यात्री थक गए हैं, लेकिन उन पिथुस जोकि छह किमी या उससे ज्यादा की दूरी पर चलते हुए आते है लेकिन थके नहीं होते हैं|

उनकी ताकत बिल्कुल बढ़िया है! जो आदमी बैठा है, लेकिन जो वजन ले जा रहा है वह थका नहीं है। यह चरित्र को परिभाषित करता है। मैं इस भूमिका के लिए दुबला बनने के लिए वजन कम कर सकता हूँ क्योंकि पिथस दुबला और मजबूत है। मैं एक निश्चित आहार और कसरत शासन के माध्यम से जा रहा हूं मैं 6-12 किलोमीटर के एक खंड पर एक झुकने पर काम कर रहा हूं और मेरी पीठ पर 45 डिग्री की झुकाव पर अपना भार रखता हूँ|

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Story Author: कविता सिंह

विवाह के लिए 36 गुण होते हैं, ऐसा फ़िल्मों में दिखाते हैं, पर लिखने के लिए 36 गुण भी कम हैं। पर लेखन के लिए थोड़े बहुत गुण तो है हीं। बाकी उम्र के साथ-साथ आ जायेंगे।

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