सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) सुसाइड केस में सीबीआई (CBI) की टीम अब सुशांत के परिवार के सदस्यों से पूछताछ करेगी। वहीं सुशांत की बहन मीतू सिंह (Meetu Singh) ने मुंबई पुलिस को भी बयान दिया था। मीतू सिंह का पूरा बयान अब सामने आ गया है। जिसमें उन्होंने सुशांत को लेकर कई बातें बताई हैं।
मीतू सिंह ने मुंबई पुलिस (Mumbai Police) को दिए बयान में बताया कि मेरे भाई सुशांत ने कई फिल्मों में काम किया है। मैं अपने पति और बच्ची के साथ साल 2018 से मुंबई में रहने लगी थी। मुंबई आने के बाद मैंने सुशांत से कई बार मुलाकात की थी। वहीं सुशांत ने खुद साल 2019 में परिवार को बताया था कि वो निराश फील कर रहा है। जिसके बाद नीतू सिंह और प्रियंका सिंह दिल्ली और हरियाणा से सुशांत से मिलने मुंबई के फ्लैट नं 601, माउंट ब्लैंक बिल्डिंग, जॉगर्स पार्क बांद्रा वेस्ट में आईं।
हम सभी बहनें उसके साथ कुछ समय तक रही थीं और उसे समझाने की कोशिश की थी। मेरा भाई सुशांत प्रोफेशनल उतार-चढ़ाव के चलते निराश फील कर रहा था। मेरी बहन नीतू सिंह ने कहा था कि उसे उनके साथ दिल्ली आना चाहिए जिस पर सुशांत ने कहा था कि वो कुछ दिनों के बाद आएगा।
वहीं मीतू ने सुशांत के निराश होने को लेकर आगे बताया कि नवंबर 2019 में सुशांत डॉ केर्सी चावड़ा से हिंदुजा अस्पताल में मेडिकल ट्रीटमेंट ले रहा था। वहीं मार्च 2020 में कोरोना वायरस के चलते वो अपने घर पर ही रह रहा था। वह किताबें पढ़ता था, एक्सरसाइज करता और मेडिटेशन और योगा भी करता था।
8 जून, जिस दिन रिया ने सुशांत का घर छोड़ा था, मीतू ने बताया कि सुबह सुशांत का कॉल आया और उसने मुझसे कहा कि मैं उसे मिलने के लिए उसके पास आ जाऊं। मैं सुशांत के पास उस दिन शाम साढ़े पांच बजे पहुंची थी। जब मैं उसके पास गई, वो काफी शांत था और जब मैंने उससे पूछा कि क्या हुआ तो उसने कहा कि वो लॉकडाउन के कारण कहीं जा नहीं पा रहा है और इसके चलते वो काफी बोर हो रहा है।
सुशांत ने मुझसे कहा था कि जब लॉकडाउन खत्म हो जाएगा तो हम सभी दक्षिण भारत घूमने चलेंगे। वहीं सुशांत ने मुझसे और कुछ दिन रुकने के लिए भी कहा था। मैं कुछ दिन रुक गई थी। 2 जून को गोरेगांव में मेरी बेटी अकेली थी इसलिए मैं शाम 4.30 बजे अपने घर गोरेगांव चली गई थी। घर पहुंचने के बाद मैंने सुशांत को मैसेज किया, लेकिन सुशांत ने न तो कोई कॉल किया और न ही मैसेज किया।
अपने बयान में मीतू ने आगे बताया 14 जून को मैंने अपने भाई सुशांत को सुबह 10.30 बजे कॉल किया था लेकिन उसने मेरा फोन नहीं उठाया तो मैंने सिद्धार्थ पिठानी (Siddharth Pithani) को कॉल किया जो सुशांत के साथ ही रहता था। सिद्धार्थ ने कहा कि उसने सुशांत को नारियल पानी का जूस और अनार का जूस दिया है और वो शायद सो रहा है। उसने फिर दरवाजे पर नॉक किया था लेकिन दरवााजा अंदर से बंद था।
जब सिद्धार्थ ने मुझसे कहा कि दरवाजा अंदर से बंद है तो मैंने उससे कहा था कि सुशांत कभी दरवाजा अंदर से लॉक नहीं करता है और मैंने उसे कहा था कि वो दोबारा दरवाजा नॉक करे और मैंने उसे ये भी कहा कि सुशांत को बता दे कि मैं उसे कॉल कर रही हूँ। सिद्धार्थ ने इसके बाद मुझे बताया कि उसने कई बार सुशांत के बेडरूम को नॉक किया है लेकिन उन्होंने दरवाजा नहीं खोला है और इसलिए वो इस दरवाजे के की-मेकर को कॉल कर रहा है जिससे कि दरवाजे को खोला जा सके। मैं सिद्धार्थ के इस कॉल के बाद फौरन गोरेगांव से बांद्रा के लिए कैब से रवाना हो गई थी।
जब मैं सुशांत के घर आ रही थी तो इस दौरान मुझे सिद्धार्थ का कॉल आया और उसने मुझे बताया कि सुशांत का दरवाजा खोल लिया गया है और सुशांत की बॉडी पंखे से लटकी हुई पाई गई है। सिद्धार्थ और उसके साथ सहकर्मियों ने सुशांत की बॉडी को नीचे उतारा। उसने पुलिस को भी कॉल किया और बांद्रा पुलिस के लोग वहां पहुंचे थे। मैंने इस घटना के बारे में अपनी बहन नीतू और प्रियंका को बताया। इसके बाद पुलिस सुशांत को कूपर अस्पताल एंबुलेंस से ले गई। वहां डॉक्टर्स ने सुशांत को मृत घोषित कर दिया था। मुझे नहीं पता कि सुशांत ने आत्महत्या बिजनेस की वजह से या किसी और कारण से की।