#MenToo मूवमेंट के विरोध में उतरीं तनुश्री दत्ता, कहा- ऐसा हुआ तो नहीं मिल पाएगा पीड़ित महिलाओं को न्याय 

हाल में ही #MenToo मूवमेंट शुरू किया गया है ऐसे में भारत में #MeToo मूवमेंट लाने वाली तनुश्री दत्ता का इस मामले पर क्या कहना है? यहां पढ़ें ये इंटरव्यू 

तनुश्री दत्ता (इंस्टाग्राम)

तनुश्री दत्ता (Tanushree Dutta) ने भारत में मी टू मोमेंट की शुरुआत की थी| उन्होंने हॉर्न ओके प्लीज़ के को-स्टार नाना पाटेकर के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाए थे| इसके तुरंत बाद ही हमने इंडस्ट्री की कई महिलाओं को उनकी कहानी बयान करते हुए देखा| ऐसे ही अब #MenToo मूवमेंट शुरू हो गया है| इसे मुद्दे पर अपने विचार रखते हुए तनुश्री दत्ता  (Tanushree Dutta MeToo Movement) ने कहा, “मैं इंडियन पब्लिक और मीडिया को कहूँगी कि कि  #mentoo  मूवमेंट से सतर्क रहे| ये ऐसे मूवमेंट है जो बताता है कि कैसे मासूम आदमियों को औरतों द्वारा फंसाया जा रहा है| स्पष्ट रूप से,  निहित स्वार्थ वाले कुछ लोग भारत में एक क्रांति शुरू करने की कोशिश कर रहे हैं जो उत्पीड़न और यौन अपराधों की शिकार महिलाओं की स्थिति को खतरे में डाल सकती है।”

मेरा मानना ​​है कि न तो पुरुषों को और न ही महिलाओं को एक दूसरे के खिलाफ व्यक्तिगत प्रतिशोध लेने के लिए कानून का उपयोग करना चाहिए; कभी-कभी साक्ष्य की कमी और अपराधियों द्वारा गवाहों को डराने की वजह से पुलिस और कानून के सामने अपराध साबित करना असंभव हो जाता है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि एक महिला झूठ बोल रही है या इस बात को बना रही है।

तनुश्री दत्ता (Tanushree Dutta Then & Now) आगे कहती है, “हमारे समाज में एक पुरुष के खिलाफ एक महिला को आरोप लगाने के लिए कलंक का सामना करना पड़ता है ऐसा करने के लिए उसे बहुत साहस और बलिदान की आवश्यकता होती है, इसलिए #MenToo जैसे आंदोलन करना वास्तविक उत्पीड़कों, छेड़छाड़ करने वालों और बलात्कारियों और उनके समर्थकों को संभावित रूप से प्रभावित कर सकता है।”

हमारे देश में महिलाओं के पुरुषों का अनुपात भी ऐसा है जो आदमियों के पक्ष में होते है। इससे हमारे देश में कन्या भ्रूण हत्या और पुरुष शिशु को बढ़ाना ज़ारी है जोकि कानूनी रूप से इलीगल है| दहेज प्रताड़ना और हत्याएं भी खतरनाक दरों पर हो रही हैं यही नहीं उत्पीड़न, बलात्कार, सामूहिक बलात्कार और कई वजह से छेड़छाड़ की समस्या बढ़ रही है|

ऐसी परिस्थितियों में पहले से ही पितृसत्ता और भ्रष्ट पुरुष प्रधान समाज को सशक्त बनाने के लिए इस तरह का मूवमेंट शुरू किया जा रहा है जो आगे चलकर व्हिसल ब्लोअर, पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और महिला शिकायतकर्ताओं के लिए परेशानी और विपत्ति की वजह बन सकती है|  मैं यह कहने की कोशिश कर रही हूँ कि अगर यह आंदोलन जारी रहता है तो कोई भी महिला जो बदमाशी, धमकी, उत्पीड़न, बलात्कार या सामूहिक बलात्कार के खिलाफ शिकायत दर्ज कराती है , अगर उसके पास पर्याप्त सबूत नहीं होंगे तो वो न्याय नहीं पा सकेगी|

यहां देखिये तनुश्री दत्ता का ये इंटरव्यू…

श्रेया दुबे :खबरें तो सब देते हैं, लेकिन तीखे खबरों को मजेदार अंदाज़ में आपतक पहुंचाना मुझे बहुत अच्छा लगता है। पिछले चार साल से पत्रकारिता के क्षेत्र में हूं। कुछ नया सीखने की कोशिश कर रही हूं। फिलहाल इंटरनेट को और एंटरटेनिंग बना रही हूं।