The Kashmir Files Review: यह एक सच्ची कहानी लेकिन फिल्म में नहीं है गहराई, 2/5

द कश्मीर फाइल्स (The Kashmir files) रिव्यु : अनुपम खेर (Anupam Kher) स्टारर द कश्मीर फाइल्स विवेक अग्निहोत्री (Vivek Agnihotri) ने बनाई है। यह फिल्म कश्मीरी पंडितों के हालातों को दर्शाती है। फिल्म के स्क्रीनप्ले (screeenplay) से लेकर फिल्म की कहानी कितनी इंट्रेस्टिंग है, इसे यहाँ पढ़िए – अगर कहानी एक युद्ध की सुनानी हो […]

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The Kashmir Files Review: यह एक सच्ची कहानी लेकिन फिल्म में नहीं है गहराई, 2/5

द कश्मीर फाइल्स (The Kashmir files) रिव्यु : अनुपम खेर (Anupam Kher) स्टारर द कश्मीर फाइल्स विवेक अग्निहोत्री (Vivek Agnihotri) ने बनाई है। यह फिल्म कश्मीरी पंडितों के हालातों को दर्शाती है। फिल्म के स्क्रीनप्ले (screeenplay) से लेकर फिल्म की कहानी कितनी इंट्रेस्टिंग है, इसे यहाँ पढ़िए –

अगर कहानी एक युद्ध की सुनानी हो तो उसके लिए काफी हिम्मत से लिखना पड़ता है इस फिल्म में कहानी युद्ध की तरफ बढ़ती तो है लेकिन रास्ते में ही आउट ऑफ़ फोकस हो जाती है। इस फिल्म के बाद विवाद और चर्चा तो निसंदेह होने ही वाली है। फिल्म लेफ्ट, राइट और सेंटर की विचार धाराओं पर बात करती है और टिपण्णी भी करती है। अब कौन सही है कौन गलत यह तो अलग चर्चा का विषय है। आज का हमारा विषय है बतौर एक फिल्म यह कहानी कितनी उम्दा है।

फिल्म की कहानी आधारित है कश्मीरी पंडितों के ऊपर! इस बात में कोई शक नहीं कि यह एक बहुत ही दुख भरी घटना है। जिसके बारे में हमारे पास बहुत ही कम जानकारी है। फिल्म शुरू होती है कश्मीर में लेकिन आपको पहुंचा देती है दिल्ली। फिल्म को डायरेक्ट किया है विवेक अग्निहोत्री ने, अनुपम खेर और मिथुन चक्रवर्ती हैं मुख्य किरदार में, लेकिन फिल्म में एक्टिंग बहुत ही साधारण है। फिल्म में घातक दिल दहला देने वाले सीन्स हैं।

फिल्म में स्क्रीनप्ले बहुत ही साधारण है। फिल्म में स्टोरी और writing भी साधारण है। जब भी दो पात्र आपस में बात करते हैं तो dialogues बहुत ही फीके लगते हैं। स्क्रीनप्ले एक बहुत ही कमजोर अंश है इस फिल्म का। फिल्म का रन टाइम लगभग 3 घंटे का है, इससे अगर आधा भी होता तो भी यह फिल्म अच्छे से पूरी हो सकती थी। फिल्म का अंत भी predictable और काफी average है।

फिल्म में conflicts (बाधाएं) बहुत ही weak है। आपको पहले ही पता लग जाता है की कहानी किस तरफ बढ़ रही है और क्या हो सकता है। फिल्म में पात्रों के बीच केमिस्ट्री बिलकुल मिसिंग लगती है। फिल्म कश्मीर के साथ साथ कॉलेज की दुनिया और हमारे नज़रिये पर भी सवाल उठती है। जिसकी वजह से फिल्म अपने फोकस से भटक जाती है। फिल्म में आपको दिल दहलाने वाले सीन्स जरूर दिखते है, जो आपको गहरी सोच में डाल सकते है। आप इससे अपने नज़दीकी सिनेमा घरों में देख सकते हैं।

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Story Author: Rishav Kumar



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