भारतीय सिनेमा के दिग्गज संगीतकार खय्याम हाशमी (Khayyam Hashmi) का मुंबई के सुजय अस्पताल में 92 साल की उम्र में निधन हो गया। सीने में संक्रमण और न्यूमोनिया की शिकायत के बाद उन्हें पिछले महीने कि 28 जुलाई को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बीती रात यानि सोमवार शाम से ही खय्याम की हालत नाजुक बताई जा रही थी, साथ ही डॉक्टरों की एक विशेष टीम उनकी निगरानी कर रही थी। उनके निधन से न केवल उनके प्रशंसक बल्कि बॉलीवुड सेलेब्स भी काफी दुखी है। बॉलीवुड के कई सितारों ने सोशल मीडिया के जरिए खय्याम साहब के निधन पर श्रध्दाजंली दी हैं। इसी बीच सुरों की मल्लिका लता मंगेशकर ने भी ट्वीट कर खय्याम को याद किया हैं।
बॉलीवुड में अपने गीतों की धुनों पर सबको मधुरमय करने वाले खय्याम साहब ने ऐसी कई धुनों की रचना कि जिससे उन्हें संगीत जगत में एक खास मुकाम मिला। 18 फरवरी, 1927 को पंजाब में जन्मे खय्याम साहब का पूरा नाम मोहम्मद जहुर खय्याम हाशमी (Mohammed Zahur Khayyam Hashmi) था। संगीतकार के जीवन को याद करें तो खय्याम ने अपने म्यूजिक करियर की शुरुआत लुधियाना में महज 17 वर्ष की आयु में की थी। साल 1953 में फिल्म फुटपाथ से उन्होंने अपनी बॉलीवुड को अंजाम दिया था। साल 1961 में आई फिल्म ‘शोला और शबनम’ में संगीत देकर खय्याम साहब को घर-घर में पहचान मिली। उमराव जान, कभी-कभी, त्रिशूल, नूरी, बाजार जैसी सुपरहिट फिल्मों में अपनी धुनों के लिए जाने-जाने वाले, ऐसी किंवदंती को आज याद करते हुए सब भावुक हो गए।
वो भले ही अब हमारे नीच नहीं हैं लेकिन अपनी धुनों ले लिए वो हमेशा याद किए जायेंगे। आइए आज उनको श्रध्दाजंली देते हुए उनके निधन पर सुनते हैं उनके 5 मशहूर गाने-
इन आंखों की मस्ती के मस्ताने हजारों हैं: उमराव जान
इस गाने को कोई कैसे भूल सकता है। जिसने हर किसी को पूरी तरह मंत्रमुग्ध कर दिया गया था। गीतकार खय्याम की दिल छू लेने वाली पंक्तियां और रेखा जी की दिलकश अदाएं इस गाने में पूरी तरह सटीक बैठी।
तेरे चेहरे से नजर नहीं हटती, नजारे हम क्या देखें: कभी- कभी
तेरे चेहरे से नजर नहीं हटती भी फिल्म कभी-कभी का सांग है। इस गाने में ऋषि कपूर अपनी पत्नी नीतू कपूर के साथ नजर आये थे।
‘कभी कभी मेरे दिल में ख्याल आता है कि जैसे तुझको बनाया गया है मेरे लिए’: कभी-कभी
खय्याम ने मेगास्टार अमिताभ बच्चन की फिल्म कभी-कभी मेरे दिल में गाने का संगीत तैयार किया। फिल्म को सर्वश्रेष्ठ गीत, सर्वश्रेष्ठ संगीत और सर्वश्रेष्ठ गायक के लिए तीन फिल्मफेयर पुरस्कार मिले थे।
मोहब्बत बड़े काम की चीज है: त्रिशूल
लता मंगेशकर-किशोर दा ने फिल्म त्त्रिशूल के इस खूबसूरत गाने को गया था। जिसका संगीत खय्याम साहब ने पिरोया था।
जिंदगी जब भी तेरी बज्म में लाती है हमें: उमराव जान
‘दिल चीज नहीं तो मेरी जान’, ‘ये क्या जग है दोस्त’ ‘या’ जिंदगी जब भी तेरी’ जैसे गानो में रेखा जी के किरदार को घर-घर पहुंचाने वाले खय्याम साहब की याद हमेशा हमारे दिलों में जिंदा रखेगी। उनके इस निधन पर हिंदीरश की टीम भी उनको भावपूर्ण श्रध्दाजंली देती है।
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