‘ठग्स ऑफ हिंदुस्तान’ ने कमाएं 105 करोड़, फिर भी संकट में फंसा है ‘ठगों’ का जहाज!

अमिताभ बच्चन और आमिर खान की ‘ठग्स ऑफ हिंदुस्तान’ ने तीन दिनों में 105 करोड़ की कमाई कर ली है। फिल्म 'दंगल' के बाद आमिर खान की दूसरी कमाई वाली फिल्म है।

दो सुपरस्टार अमिताभ बच्चन और आमिर खान की फिल्म ‘ठग्स ऑफ हिंदुस्तान’ ने तीन दिनों में 105 करोड़ की कमाई कर ली है। फिल्म ‘दंगल’ के बाद आमिर खान की दूसरी फिल्म है जो कि शानदार कमाई कर रही है। ओपनिंग तो पचास करोड़ रुपए के साथ शानदार रही लेकिन धीरे-धीरे ‘ठग्स ऑफ हिंदुस्तान’का जहाज डूबता दिख रहा है। तीन दिनों की कमाई के आंकड़े देखने पर लग रहा है फिल्म का सफर दुखदायी होने वाला है। करीब तीन सौ करोड़ के बजट की फिल्म मुनाफे के मुकाम को हासिल कर पाने के लायक नहीं दिख रही है। वैसे भी दो सुपरस्टार की फिल्म का तीन दिन में 100 करोड़ कमाना कोई बहुत बड़ी उपलब्धि नहीं मानी जा सकती है।

‘ठग्स ऑफ हिंदुस्तान’ के तीन दिन के कमाई का आंकलन किया जाए तो दिवाली के अवसर पर फिल्म ने कुल 52.25 करोड़ रुपये (हिंदी + तमिल + तेलुगू) की रिकॉर्ड तोड़ कमाई की थी। शुक्रवार के दिन 28.25 करोड़ (हिंदी) कमाई कर पाई। शनिवार को 22.75 (हिंदी) करोड़ की कमाई कर पाई है। ऐसे में वीकेंड के कारण शुक्रवार व शनिवार को कमाई के ज्यादा आसार दिख रहे थे। जबकि फिल्म ने इन दोनों दिन निराशाजनक कमाई की। जिससे कि असफल साबित होती दिख रही है। अगर सारे भाषाओं की बात करें तो फिल्म ने तीन दिन में कुल मिलाकर 105 करोड़ की कमाई की है। केवल हिंदी भाषा से 101 करोड़ रुपए की कमाई हुई है। फिल्म को पांच हजार स्क्रीन पर रिलीज किया गया है।

रविवार को क्या आस करें?
ऐसा देखा गया है कि फिल्में शुक्रवार, शनिवार और रविवार को ज्यादा कमाई करती हैं। इस हिसाब से अगर हम देखते हैं तो शुक्रवार और शनिवार को फिल्म ने नाम मात्र कमाई की है। पहले ही हफ्ते ये हाल है तो आगे क्या होगा, सोच सकते हैं। अब यदि रविवार की बात करें तो ऐसा नहीं लगता है कि कुछ खास कमाई होगी। क्योंकि दीवाली की छुट्टी होने पर फिल्म ने पचास करोड़ से अच्छी ओपनिंग की। इसके बाद शुक्रवार और शनिवार को कमाई का ग्राफ एकदम से गिर गया। यानी कि कहीं ना कहीं दर्शक फिल्म को नाकार चुके हैं। पहले हफ्ते में ही फिल्म का ऐसा हाल होना इसके अल्पकालिक कमाई को दर्शाता है। अब देखना है कि ठगों का डूबता जहाज कितनी दूर जा पाता है।

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रवि गुप्ता :पत्रकार, परिंदा ही तो है. जैसे मैं जन्मजात बिहारी, लेकिन घाट-घाट ठिकाने बनाते रहता हूं. साहित्य-मनोरंजन के सागर में गोते लगाना, खबर लिखना दिली तमन्ना है जो अब मेरी रोजी रोटी है. राजनीति तो रग-रग में है.