तीन तलाक को लेकर मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। मुस्लिमों महिलाओं के हक के लिए मोदी सरकार ने तीन तलाक पर बड़ा कदम उठाय है। कैबिनेट में मंजूरी मिलते ही तीन तलाक देने वालों पर कठोर कदम उठाए जाएंगे। इसके लिए सरकार लंबे समय से कोशिश में लगी थी।
जानकारी के मुताबिक बुधवार को कैबिनेट में तीन तलाक अध्यादेश को मंजूरी दे दी है। तीन तलाक देना अब अपराध है। तीन तलाक पर इस फैसले पर सरकार ने अपनी स्थिति पूरी तरह से साफ कर दी है। इससे मुस्लिम महिलाओं को बड़ी राहत मिलेगी। हालांकि संसद के मानसून सत्र के दौरान बिल पेश किया गया था।
गैर जमानती अपराध
जान लें कि नए बिल में तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) के मामले को गैर जमानती अपराध माना गया है। हालांकि इसको लेकर विपक्ष घेर रहा था। उसके बाद संशोधन किया गया। उस हिसाब से अब मजिस्ट्रेट को जमानत देने का अधिकार होगा।
राज्यसभा में अटक गया था बिल
तीन तलाक लोकसभा से पारित होने के बाद यह बिल राज्यसभा में अटक गया था। इसको लेकर हाल ही में मानसून सत्र के दौरान विपक्ष ने खूब हंगामा किया। कांग्रेस समेत अन्य दलों ने संसद में विधेयक में संशोधन की मांग रखी थी। पर संशोधन होने के बाद भी यह विधेयक राज्यसभा से पारित नहीं हो पाया था।
छह माह का अध्यादेश
यहां जानना जरूरी है कि यह अध्यादेश छह महीने तक लागू रहेगा। इस दौरान सरकार को तीन तलाक बिल संसद से पारित कराना होगा। हालांकि तीन तलाक बिल इससे पहले संसद के बजट सत्र और मानसून सत्र में पेश हो चुका है लेकिन विपक्ष इसके लिए साथ नहीं है।
विपक्ष से अपील
अध्यादेश को कैबिनेट में मंजूरी मिलने पर केंद्रीय विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मीडिया कवरेज के लिए आभार प्रकट किया तो वहीं उन्होंने कहा कि हमारी सरकार महिलाओं के न्याय के लिए हर कदम उठाएगी। इससे पहले भी रविशंकर प्रसाद ने बसपा सुप्रीमो मायावती, सोनिया गांधी और ममता बनर्जी से सहमति की अपील की थी।