कई दिनों से रिपोर्ट आ रही थी कि कादर खान का निधन हो गया है लेकिन ये खबरें सिर्फ अफवाह थी | हालाँकि अब रिपोर्ट्स की मानें तो टोरंटो के एक हॉस्पिटल में कादर खान ने अंतिम सांस ले ली है| कादर खान की तबियत सालों से ख़राब थी| बॉलीवुड से वो कई सालों पहले असक्रिय हो गए थे| लंबी बीमारी के अलावा कादर खान निमोनिया से भी जुंझ रहे थे| उनके जाने से पूरा बॉलीवुड हैरान है| कादर खान ने भारतीय सिनेमा को बहुत कुछ दिया है चाहें वो फिल्मों में उनकी कॉमेडी हो या फिर दमदार डायलॉग्स| आइये नज़र डालते हैं उनकी ज़िन्दगी के कुछ पहलुओं पर-
क़ादर ख़ान जन्म 22 अक्तूबर 1937 में हुआ था| वो ना सिर्फ एक हिन्दी फ़िल्म के हास्य अभिनेता थे बल्कि उन्होंने अपने करियर में कई फिल्मों का निर्देशन भी किया| उन्होंने बोलयूड में लगभग 300 से ज्यादा अधिक फ़िल्मो में काम किया है। कादर खान की पहली फ़िल्म दाग थी | इस फिल्म में उन्होंने अभियोगपक्ष के वकील की भूमिका निभाई थी।
कादर खान एक टीचर थे लेकिन उनके फ़िल्मी करियर की शुरुआत में दिलीप कुमार का बड़ा हाथ है| दरअसल उन्होंने अपने कॉलेज में एक ऐसा किरदार निभाया कि वहां मौजूद लोग उनकी तारीफ़ में देर तक तालियां बजाते रहे| इस बारे में दिलीप कुमार को पता चला तो उन्होंने कादर खान को अपने पास बुलाया | कादर खान से उन्होंने कहा कि वो उन्हें फिल्मों में काम दिलाना चाहते हैं| ऐसे में कादर खान ने पूरी तैयारी के साथ अपनी परफॉरमेंस उन्हें दिखाई| दिलीप कुमार उनके प्रदर्शन से इतने खुश हुए कि उन्होंने कादर खान को दो फ़िल्मो में काम दे दिया| इसके बाद कादर खान को सगीना महतो और बैराग जैसी फिल्मों में एक्टिंग करने का मौका मिला|
कादर खान की प्रमुख फिल्मों में, बाप नंबरी बेटा दस नंबरी, दूल्हे राजा, साजन चले ससुराल, कुली नंबर वन, मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी जैसी फिल्में शामिल है |
कादर खान के निधन के बाद फैंस में शोक की लहर दौड़ पड़ी है|