क्या आपके घर में कोई कुत्ता, बिल्ली, गाय, भैंस बकरी है? नहीं, तो कोई बात नहीं। इस देश-दुनिया में कई लोग इन जानवरों को अपने बच्चों की तरह पालते-पोषते हैं। जानवरों और पक्षियों से इंसान का प्यार कोई नई बात नहीं है। मानव सभ्यता के शुरुआत से ही इंसान पशु-पक्षियों से प्यार करता रहा है। दुनिया में कई सारे लोग हैं, जो पक्षियों और जानवरों से बेहद प्यार करते हैं। कई लोगों ने कुत्ता, बिल्ली जैसे जानवरों को ऐसे अपना लिया है कि वे उन्हें अपने घर-परिवार का बेहद अहम हिस्सा मानने लगते हैं। कई लोग ऐसे भी हैं जो जानवरों को अपने बच्चे मानते हैं और वे उनका पालन-पोषण वैसे ही करते हैं, जैसे कि इंसानी बच्चों का किया जाता है। देश के कई हिस्सों में ऊंट, हाथी, घोड़े जैसे बड़े जानवर भी पाले जाते हैं। इन जानवरों ने भी मनुष्य के साथ वैसे ही व्यवहार किया है जैसा मनुष्य उसे पालने-पोषने के दौरान करता है। मनुष्य और जंगल के बीच गहरा संबंध है।
आज के दौर में सबको हरियाली और पहाड़ पसंद है लेकिन कोई जंगल और पहाड़ों को बचाने के लिए प्रयास नहीं करता है। ऐसे में एक फिल्म शायद लोगों को जंगल और जानवर के करीब पहुंचाने में मददगार साबित हो सकती है। ठीक इसी भाव से प्रेरित होकर बनाई गई फिल्म ‘जंगली’ इस शुक्रवार रिलीज हो रही है। फिल्म में विद्युत जमवाल, पूजा सावंत, आशा भट्ट, अतुल कुलकर्णी और मकरंद देशपांडे जैसे कलाकार हैं। फिल्म को हॉलीवुड के फिल्ममेकर चक रसेल ने डायरेक्ट किया है। फिल्म में मनुष्य और जानवर के बीच दोस्ती और प्यार को दिखाया गया है। फिल्म में जंगल और उनमें रहने वालों जानवरों के जीवन को दिखाया गया है। जिस तरह जंगल सुनकर हमें डर लगने लगता है, उसी तरह जंगल में रहने वाले जानवरों को मनुष्य की आहट से डर लगने लगता है। फिल्म में एक आदमी का प्यार जंगल के साथियों और सुरक्षा के लिए झलकता है। वहीं, एक जानवर भी अपनी वफादारी दिखाता है। खैर, यह कोई पहली फिल्म नहीं है, जिसमें मनुष्य और जानवरों की बीच गहरी दोस्ती दिखाई है।
शॉर्टकट सफारी
साल 2014 में रिलीज हुई फिल्म शॉर्टकट सफारी में जंगल और मनुष्य के बीच सामंजस्य के दिखाया गया। फिल्म को अमिताभ सिंह ने डायरेक्ट किया था। जिम्मी शेरगिल इसमें लीड रोल थी। वैसे तो यह फिल्म स्कूल के बच्चों की जंगल में एक ट्रिप के तौर पर होती है। लेकिन फिल्म जैसी ही बढ़ती है, मनुष्य और जानवर के बीच के संबंधों को दिखाया जाता है। बच्चे घने जंगलों में फंस जाते हैं। इस दौरान उनका सामना चीता से भी होता है लेकिन साहस और मासूमियत से उस पर जीत जाते हैं। फिल्म में पर्यावरण और जंगल को लेकर खास संदेश दिया गया है। फिल्म में जंगल और जानवर के संरक्षण को लेकर काफी प्यारा संदेश देती है।
फिल्म महाराजा में गोविंदा ने दिखाया जंगल प्रेम
साल 1998 में आई फिल्म महाराजा भी जंगल पर आधारित फिल्म थी। इस फिल्म में गोविंदा और मनीषा कोईराला अहम किरदार में रहे हैं। फिल्म में मनुष्य का जंगल प्रति लगाव और जानवरों से प्यार को दिखाया गया। मनुष्य और जानवर की दोस्ती को दिखाया गया है। जंगल और जानवरों को बचाने के लिए हीरो अपनी जान तक देने को तैयार रहता है। शेर भी लड़ता है। लेकिन शेर उसका कुछ नहीं कर पाता क्योंकि हीरो बचपन में उसके साथ खेला हुआ होता है। जब जानवर अपने बचपन के साथी को नहीं भूल पाता तो आदमी कैसे? ऐसी फिल्में मनोरंजन के साथ-साथ लोगों को एक सामाजिक संदेश भी देती है। जंगल से प्यार का, जानवरों से दोस्ती का। जंगल और इंसान की दोस्ती का संबंध सीधे पर्यावरण से सरोकार रखता है। हम जंगल को जीतना बचाएंगे, जंगल उतना ही हमें संरक्षण देगा।
फिल्म ‘जंगल लव’ में दिखा मनुष्य और जंगल का प्रेम
खैर, इतना ही जंगल के संरक्षण और जानवरों से करीबी बॉलीवुड में इससे पहले दो फिल्में बनी हैं। जिनमें से एक हैं ‘जंगल लव’ और ‘टारजन’ दोनों ऐसी फिल्म हैं जिसमें एक ओर मनुष्य के अपने लालच के चलते जंगल को खत्म करना चाहता है तो दूसरी एक मनुष्य जंगल को बचाना चाहता है। साल 1990 में आई फिल्म जंगल लव भी टारजन की स्टोरी पर आधारित थी। इसमें एक चिम्पैजीनुमा एक व्यक्ति जंगल को अपना संसार समझता है। लेकिन कुछ लोगों को झुंड जंगल में खजाने की तलाश में आते हैं, इस दौरान कई जानवर का शिकार भी करने की कोशिश करते हैं लेकिन टारजन जंगल और जानवर की रक्षा करता है।
फिल्म टारजन में दिखा
साल 1985 में रिलीज हुई फिल्म ‘टारजन’ ने पहली ऐसी फिल्म थी जिसमें जंगल और जानवरों के संबंध को करीबी से दिखाया गया। फिल्म को बब्बर सुभाष ने डायरेक्ट किया था। फिल्म भारतीय ‘टारजन’ के ऊपर थी। जब आप यह फिल्म देखेंगे तो आपको ऋतिक रोशन और प्रियंका चोपड़ा स्टारर फिल्म कृष ध्यान में आएगी। एक लड़की जंगल में रहने वाले एक व्यक्ति से इतना प्रभावित होती है कि उसे शहर ले जाना चाहती है। वह जंगल के जानवरों को अपना परिवार मानता है, घर मझता है (कृष में ऐसा नहीं है)। टारजन में एक ऐसा ही व्यक्ति है जो बाहर की दुनिया से अनभिज्ञ होता है। जंगल के लिए समर्पित होता है।
बायोपिक, कॉमेडी जोनर से हटकर है ये फिल्म
विद्युत जमवाल की यह फिल्म हाथी जैसे जानवर की दोस्ती के साथ जंगल के बारे में एक अहम संदेश भी देती है। बॉलीवुड में जिस तरह से बायोपिक, कॉमेडी और एक्शन फिल्मों का दौर चल रहा है। ऐसे में जंगली फिल्म का आना बहुत ही खास हो जाता है। यह फिल्म प्रचलित जोनर से अलग हटकर। अब देखना होगा की इस तरह की कोई फिल्म आगे भी बहुत जल्द ही हमें देखने को मिलेगी या नहीं? खैर, उम्मीद करते हैं डायरेक्टर चक रसेल की यह फिल्म लोगों को जंगल, जानवर और मनुष्य के बीच के संबंध को अच्छे समझा पाए। फिल्म 29 मार्च को सिनेमा घरों में रिलीज होगी।
यहां देखिए फिल्म जंगली के स्टार विद्युत जामवाल ने बायोपिक लेकर क्या कहा…