Vinod Khanna Birth Anniversary: ओशो से प्रभावित होकर स्वामी विनोद भारती बन गए थे एक्टर, जानिए 10 अनसुनी बातें

विनोद खन्ना (Vinod Khanna Birth Anniversary) अगर हमारे बीच होते, तो रविवार को वह अपना 73वां जन्मदिन मना रहे होते। अभिनेता आध्यात्मिक गुरु ओशो से इतना प्रभावित हुए थे कि अपना सब कुछ त्याग कर वह उनकी शरण में चले गए थे।

विनोद खन्ना। (फोटो- ट्विटर)

वैसे तो बॉलीवुड जगत हमेशा से हैरतअंगेज कलाकारों से भरा रहा है, लेकिन फिल्मी दुनिया की इस गली में कुछ सितारे ऐसे भी आए जो इतिहास के पन्नों में सुनहरे अक्षरों में अपना नाम दर्ज कर गए। इस फेहरिस्त में एक नाम सुपरस्टार विनोद खन्ना का भी दर्ज है। बॉलीवुड के दिवंगत अभिनेता और राजनेता विनोद खन्ना (Vinod Khanna Birth Anniversary) अगर हमारे बीच होते, तो रविवार को वह अपना 73वां जन्मदिन मना रहे होते। जानिए अभिनेता के बारे में 10 अनसुनी बातें…

1- विनोद खन्ना का जन्म 6 अक्टूबर, 1946 को पेशावर (तत्कालीन भारत) में हुआ था। 1947 में हुए विभाजन के दौरान उनका परिवार पेशावर से मुंबई आ गया था। अभिनेता ने नासिक के स्कूल-कॉलेज से अपनी पढ़ाई पूरी की।

2- विनोद खन्ना बचपन से एक्टर बनना चाहते थे। उनकी चाह उन्हें बॉलीवुड में खींच लाई। अभिनेता ने बतौर खलनायक साल 1968 में सुनील दत्त की फिल्म मन का मीत से अपने फिल्मी सफर की शुरूआत की थी।

3- हम तुम और वो फिल्म में पहली बार वह हीरो के किरदार में नजर आए। जिसके बाद उन्होंने कई सुपरहिट फिल्में दीं और बॉलीवुड को अगला सुपरस्टार मिल गया। विनोद खन्ना ने करियर के पीक पर होते हुए अचानक बॉलीवुड से संन्यास लेते हुए आचार्य रजनीश (ओशो) का अनुयायी बनने की घोषणा कर सभी को हैरत में डाल दिया था।

4- आध्यात्मिक सफर की शुरूआत होने के बाद विनोद खन्ना को ‘स्वामी विनोद भारती’ कहकर बुलाया जाने लगा था। उन्हें ‘द मॉन्क हू सोल्ड हिज़ मर्सीडीज’ कहकर भी बुलाया जाता था।

5- विनोद खन्ना ने एक इंटररव्यू में कहा था, ‘मैं ओशो के बगीचे (अमेरिका में) की रखवाली करता था। मैं टॉयलेट साफ करता था। मैं खाना बनाता था और उनके कपड़े मुझपर ट्राय कराए जाते थे क्योंकि हमारी कद-काठी एक थी।’

6- विनोद खन्ना ने बताया कि अमेरिका में ओशो का आश्रम छोड़ते समय उन्होंने (ओशो) अभिनेता को अपना पुणे स्थित आश्रम का संचालन करने के लिए कहा था। विनोद खन्ना कहते हैं, ‘मैंने अपने गुरु से नहीं कहा था और ये मेरी जिंदगी की सबसे मुश्किल नहीं थी।’

7- विनोद खन्ना ने बॉलीवुड में अपनी दूसरी पारी शुरू की। अभिनेता ने राजनीति में भी हाथ आजमाया और सफल साबित हुए। वह पंजाब की गुरदासपुर लोकसभा सीट से चार बार सांसद चुने गए थे। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में वह केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन और विदेश राज्‍य मंत्री भी रहे थे।

8- कहा जाता है कि साल 1980 की फिल्म कुर्बानी के लिए पहले अमिताभ बच्चन को कास्ट किया गया था। बिग बी ने रोल ठुकरा दिया था, जिसके बाद विनोद खन्ना को फिल्म में कास्ट किया गया। यह फिल्म उस साल की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्मों में से एक थी।

9- धर्मेंद्र ने एक बार बताया था कि साल 1971 में आई फिल्म मेरा गांव मेरा देश के लिए विनोद खन्ना ने एक सीन को असली दिखाने के लिए सच मे अपना खून बहाया था।

10- विनोद खन्ना ने 1971 से लेकर 1982 तक 47 मल्टीस्टारर फिल्मों जैसे- ‘हेरा फेरी’, ‘अमर अकबर एंथनी’, ‘परवरिश’, ‘जमीर’, ‘एक और एक ग्यारह’, ‘खून पसीना’, ‘मुकद्दर का सिकंदर’ में अभिनय किया था। विनोद खन्ना को भारतीय सिनेमा के सबसे बड़े सम्मान ‘दादा साहेब फाल्के पुरस्कार’ से भी नवाजा जा चुका है।

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राहुल सिंह :उत्तराखंड के छोटे से शहर हल्द्वानी से ताल्लुक रखता हूं। वैसे लिखने को बहुत कुछ है अपने बारे में, लेकिन यहां शब्दों की सीमा तय है। पत्रकारिता का छात्र रहा हूं। सीख रहा हूं और हमेशा सीखता रहूंगा।