‘गणपति बप्पा मोरया मंगल मूर्ति मोरिया’ की गुंज आपको इन दिनों हर गली और हर जगह सुनने को मिलेगी। 13 सिंतबर से शुरू हुई गणेश चतुर्थी 23 सिंतबर तक मनाई जाएगी। 23 सिंतबर वो आखिरी दिन है जब बप्पा का विसर्जन किया जाएगा। इस साल के विसर्जन का सही समय सुबह 8 बजे से ही शुरु हो जाएगा।
गणपति जी के विसर्जन वाले दिन सुबह जल्द भगवान श्री गणेश की पूजा करके विसर्जन की तैयारी की जाएगी। इस दिन लोग नाचते गाते और हल्ला गुल्ला करते हुए बप्पा को पूरे शहर में घुमाएंगे। साथ ही बप्पा की अलग – अलग तरह की झाकियां भी लोगों को इस दिन देखने को मिल जाएगी।
इस तरह से करें बप्पा का विसर्जन
– बप्पा का विसर्जन करने से पहले उनकी पूरी विधि-विधान के साथ पूजा करें। साथ ही प्रसाद का भोग भगवान गणेश को लगाएं और उनका स्वस्तिवाचन करें।
– इसके बाद एक चौकी लें और उसे गंगाजल से साफ करें। साफ करने के बाद चौकी पर स्वास्तिक बनाएं। चौकी पर अक्षत रख के पीला, गुलाबी या फिर लाल रंग का कपड़ा जरूर बिछाएं।
-चौकी पर चारों ओर सुपारी रख लें और कपड़े पर कुछ फूलों की पंखुड़ियां डाल दें।
– इसके बाद बप्पा को उनके स्थापना वाले स्थान से उठाकर प्यार के साथ तैयारी की गई चौकी पर बैठाएं। चौकी पर उन्हें बैठने के बाद उनके साथ फल, फूल, वस्त्र और दक्षिणा के अलावा 5 मोदक भी उनके साथ रखे दें। ऐसा कहा जाता है कि बप्पा को रास्ते में किसी भी तरह की परेशानी न हो इसलिए उनके साथ ये सभी चीजें रखी जाती हैं।
– नदी , तालाब या पोखर में उनका विसर्जन करने से पहले एक किनारे पर भगवान गणेश की आरती करें और गणेश जी को प्यार और खुशी के साथ विदाई देकर उन्हें दोबारा आने की प्रार्थना करें। साथ ही भगवान गणेश से मनचाहा आशीर्वाद भी मांग ले।
– विसर्जन के वक्त भगवान गणेश की मूर्ति को फेंकें नही बल्कि पूरे सम्मान के साथ उनका धीरे – धीरे विसर्जन करें।
– अगर बात करें इको फ्रेंडली गणेश जी की तो उन्हें आप घर के अंदर ही विसर्जित कर सकती हैं।
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