आज की भागती दौड़ती ज़िन्दगी में हमारा साथ देती हैं गाड़ियाँ या फिर ऐसे बहुत से औजार जिनका उपयोग हम दिन प्रतिदिन करते हैं| लेकिन क्या आपको पता है कि साल में एक ऐसा दिन भी आता है जब हम इन साधनों की पूजा करते हैं| इस दिन को विश्ववकर्मा जयंती के नाम से जाना जाता है|
इस बार विश्वकर्मा जयंती 17 सितंबर को मनाई जायेगी| ये हिन्दुओं का त्यौहार है जिसे औद्योगिक क्षेत्रों, फैक्ट्रियों, लोहे की दुकान, वाहन शोरूम, सर्विस सेंटर, कम्प्यूट सेन्टर, हार्डवेयर दुकाने जैसी जगहों पर भगवान् विश्वकर्मा की पूजा बड़े ही धूमधाम से की जाती है| इस दिन मशीनों, औजारों की सफाई के साथ उन्हें रंगा जाता है| इतना ही नहीं बल्कि विश्वकर्मा जयंती के दिन बहुत सी जगहों पर छुट्टी भी रहती है| ताकि वहां पर मौजूद औजारों की पूजा की जा सकी|
कौन हैं भगवान विश्वकर्मा
ऐसा कहा जाता है कि सृष्टि की रंचना के शुरुआत में सबसे पहले विष्णु भगवान्भ प्रकट हुए थे| और उनकी नाभि से ब्रह्मा उत्पन्न हुए थे| ब्रह्मा जी क एक पुत्र था जिसका नाम धर्म था| धर्म का विवाह वस्तु नामक स्त्री से हुआ था आगे चलकर दोनों के सात पुत्र पैदा हुए सातवें पुत्र का नाम वास्तु था| वास्तु शिल्पशास्त्र की कला में माहिर थे| उनके पुत्र का नाम विश्वकर्मा था| विश्वकर्मा ने वास्तुकला में महारथ हासिल करके देवताओं को भी अपना अनुयायी बना लिया था|
ऐसे करें भगवान विश्वकर्मा की पूजा
विश्वकर्मा पूजा के लिए आपको सुबह स्नान करने के बाद अपनी पत्नी के साथ पूजा पर बैठना चाहिए| पूजा के दौरान फूल, अक्षत लेकर भगवान विश्वकर्मा का नाम लेते हुए घर में उसे छिड़क देना चाहिए| ऐसा माना जाता है कि इससे घर का वातावरण शुद्ध हो जाता है| यज्ञ के दौरान पूजा स्थल पर विश्वकर्मा भगवान् की मूर्ति को स्थापित करना ना भूले|
अपने घर के सभी औजारों की पूजा करें
विश्वकर्मा प्रतिमा की पूजा करने के बाद घर-औधोगिक स्थान पर मौजूद सभी औजारों को तिलक लगायें| इसके बाद हवं कर सभी को प्रसाद बाँट दीजिये| भगवान विश्वकर्मा के प्रसन्न होने से व्यक्ति के व्यवसाय में बढ़ोतरी होती है और आपकी मनोकामना भी पूरी हो जाती है|