जोया अख्तर ने किस बात पर कहा- ऐसा होगा तो जरूर बनाऊंगी फिल्म जिंदगी ना मिलेगी दोबारा का सीक्वल?

जोया अख्तर के निर्देशन में बनी रणवीर सिंह और आलिया भट्ट की फिल्म 'गल्ली बॉय' को काफी पसंद किया जा रहा है। 'जिंदगी ना मिलेगी दोबारा' और 'दिल धड़कने दो' फिल्म का सीक्वल बनाने के सवाल पर जोया ने कहा...

'जिंदगी ना मिलेगी दोबारा' फिल्म 15 जुलाई, 2011 को रिलीज हुई थी। (फोटो- इंस्टाग्राम)

फिल्म ‘गल्ली बॉय’ के निर्देशन के लिए जोया अख्तर की तारीफों में जमकर कसीदें पढ़े जा रहे हैं। जोया ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि बॉलीवुड इंडस्ट्री के दिग्गज फिल्मकारों की फेहरिस्त में उनके नाम को मिटाना इतना आसान नहीं होगा। जोया अख्तर को उनकी शानदार फिल्मों ‘जिंदगी ना मिलेगी दोबारा’ और ‘दिल धड़कने दो’ के लिए भी जाना जाता है। दर्शकों को इन शानदार फिल्मों के सीक्वल का बेसब्री से इंतजार है।

हमारी सहयोगी वेबसाइट ‘पिंकविला’ से एक्सक्लूसिव बातचीत में जोया अख्तर ने ‘जिंदगी ना मिलेगी दोबारा’ और ‘दिल धड़कने दो’ फिल्म का सीक्वल बनाने के सवाल पर कहा, ‘हां मैं जरूर बनाऊंगी अगर मुझे अच्छी कहानी मिलती है तो। ऐसी कहानी जो फिल्म से कुछ ज्यादा हो, जो फ्रैंचाइजी के रूप में सार्थक हो सके। अगर ये सच्ची कहानी है और लोगों को बताने की जरूरत है तो मैं जरूर फिल्म बनाऊंगी।’

तीन दोस्तों की कहानी थी ‘जिंदगी ना मिलेगी दोबारा’

बताते चलें कि जिंदगी ना मिलेगी दोबारा फिल्म तीन दोस्तों (ऋतिक रोशन, अभय देओल और फरहान अख्तर) की कहानी थी। अभय देओल अपनी गर्लफ्रेंड (कल्कि कोचलिन) से शादी करने से पहले अपने दोस्तों के साथ बैचलर ट्रिप प्लान करते हैं। इस ट्रिप में मस्ती-मजाक, प्यार-मोहब्बत और कई इमोशनल कहानियों के बीच तीनों की जिंदगी किस मोड़ पर उन्हें ला खड़ा करती है, फिल्म में दिखाया गया है।

फैमिली ड्रामा फिल्म थी ‘दिल धड़कने दो’

वहीं जोया अख्तर की फिल्म ‘दिल धड़कने दो’ एक फैमिली ड्रामा फिल्म थी। साल 2015 में रिलीज हुई इस फिल्म में फरहान अख्तर, रणवीर सिंह, अनुष्का शर्मा, प्रियंका चोपड़ा, अनिल कपूर और राहुल बोस मुख्य किरदारों में थे। जोया ने साल 2009 में ‘लक बाय चांस’ फिल्म का भी निर्देशन किया था। इस फिल्म में फरहान अख्तर, ऋतिक रोशन, ईशा शरवानी, कोंकणा सेन शर्मा, जूही चावला और ऋषि कपूर मुख्य किरदारों में थे।

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राहुल सिंह :उत्तराखंड के छोटे से शहर हल्द्वानी से ताल्लुक रखता हूं। वैसे लिखने को बहुत कुछ है अपने बारे में, लेकिन यहां शब्दों की सीमा तय है। पत्रकारिता का छात्र रहा हूं। सीख रहा हूं और हमेशा सीखता रहूंगा।