नशीली आंखों से सबको दीवाना बना देने वाली रेखा की देखिए दिलकश तस्वीरें

चाहें बात हम 80 के दशक की बात करें या फिर आज के समय की रेखा का जलवा कभी भी कम होता हुआ दिखाई नहीं दिया है। रेखा की कतिलाना आदाओं के सब दिवाने है।

1996 में उनकी फिल्म खिलाड़ियों का खिलाड़ी बड़े पर्दे पर आई और रेखा के गैंगस्टर माया के करिदार को लोगों ने काफी पसंद किया।

1987 में फिरोज खान की फिल्म जानबाज में रेखा बॉलीवुड की पहली आइटम गर्ल बनी थी।

रेखा पहली बॉलीवुड की ऐसी हिरोइन थी जिन्हें फिल्म को हिट करने के लिए किसी हीरो की जरुरत नहीं थी।

सर्वश्रेष्ठ सहायक एक्ट्रेस के तौर पर रेखा को फिल्मफेयर पुरस्कार मिला था।

रेखा और अमिताभ बच्चन को जोड़ी को दर्शक एक साथ देखने बेहद पसंद करते थे।

उमराव जान रेखी के फिल्मी करियर की सबसे बेहतरीन फिल्म साबित हुई।

आज भी अगर रेखा की खूबसूरत को देखा जाए तो सारी अभिनेत्री उनके आगे फीकी पड़ जाती हैं।

देखा एक ख्वाब तो ये सिलसिले हुए गाने में जिस तरह से एक्ट्रेस रेखा की खूबसूरती निखरकर सामने आई। उसे देख लोगों उनकी खूबसूरती के कायल हो गए थे। चाहें बात हम 80 के दशक की बात करें या फिर आज के समय की रेखा का जलवा कभी भी कम होता हुआ दिखाई नहीं दिया है।

आज रेखा अपना 64 वां जन्मदिन माना रही हैं। 10 अक्टूबर 1954 को चेन्नई के तमिल एक्टर जेमिनी गनेशन और तेलगु एक्ट्रेस पुष्पावली के घर में उनका जन्म हुआ था। लेकिन उन्हें कभी भी पिता का प्यार हासिल नहीं हुआ क्योंकि रेखा के पिता ने उनकी मां से शादी नहीं की थी। 1970 में फिल्म ‘सावन भादो’ से उन्होंने बतौर अभिनेत्री डेब्यू किया था। यह फिल्म दर्शकों के बीच काफी जबरदस्त हिट साबित हुई।

रेखा ने अभिनेत्री बनने के लिए अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी थी। उनको फिल्मों में काम करने का बिल्कुल भी शौक नहीं था लेकिन आर्थिक स्थिति खराब होने के चलते रखा ने फिल्मों में काम करना शुरु कर दिया। लेकिन आज रेखा एक बेहतरीन अदाकारा हैं। उनकी खूबसूरती का पूरा बॉलीवुड दिवाना है। आखिर हो भी क्यों न उमराव जान से लेकर खिलाड़ियों का खिलाड़ी मूवी तक रेखा का जलवा जबरदस्त तरीके से कायम रहा।

आइए देखते है रेखा की कुछ खूबसूरत तस्वीरें…

 

दीपाक्षी शर्मा :सभी को देश और दुनिया की खबरों के साथ-साथ एंटरटेनमेंट जगत से रुबरु कराने का काम करती हूं। राजनीतिक विज्ञान का ज्ञान लेकर एमए पास किया है। मास कम्युनिकेशन में पीजी डिप्लोमा के बाद फिलहाल पत्रकारिता कर रही हूं।