Thappad: बॉलीवुड में ‘थप्पड़’ की गूंज बहुत ऊंची रही है… फिल्म कबीर सिंह भी है लिस्ट में शामिल
तापसी पन्नू (Taapsee Pannu) की फिल्म 'थप्पड़' (Thappad) का पोस्टर हाल ही में रिलीज़ हुआ है। इससे पहले भी बॉलीवुड में थप्पड़ की गूंज बड़ी जोर से सुनाई दी है!
तापसी पन्नू (Taapsee Pannu) की फिल्म 'थप्पड़' (Thappad) का पोस्टर हाल ही में रिलीज़ हुआ है। इस पोस्टर को लोग बहुत शेयर कर रहे हैं और करे भी क्यों नहीं, ये है ही इतना कमाल का! बहुत समय बाद शायद बॉलीवुड में पोस्टर में फिल्म की कहानी को इतना स्ट्रॉन्ग्ली पेश किया गया है। बता दें कि यह फिल्म डोमेस्टिक वॉयलेंस जैसे बड़े मुद्दे पर बनी है। इस फिल्म की टैग लाइन भी बहुत कुछ कहती है "थप्पड़: बस इतनी सी बात?"
वैसे यह पहली बार नहीं है कि बॉलीवुड में घरेलू हिंसा को दर्शा कर समाज में बदलाव लाने की कोशिश की गई है। जब हम बात करते हैं इस तरह की फिल्मों की तो ना जाने क्यों सबसे पहले याद आती है साल 1996 की फिल्म 'दरार'! इसका निर्देशन अब्बास-मस्तान ने किया और मुख्य भूमिकाओं में जूही चावला, ऋषि कपूर और अरबाज़ ख़ान थे। ये जूलिया राबर्ट्स अभिनीत स्लीपिंग विद द एनीमी (1991) की रीमेक है। इसके पहले रिलीज़ हुई मनीषा कोइराला अभिनीत अग्नि साक्षी (1996) और माधुरी दीक्षित अभिनीत याराना (1995) भी इसी पर आधारित थीं।
हमारी अधूरी कहानी, मोहित सूरी द्वारा निर्देशित और महेश भट्ट द्वारा निर्मित एक भारतीय रोमांटिक ड्रामा है। फिल्म में इमरान हाशमी, विद्या बालन, और राजकुमार राव की प्रमुख भूमिकाएँ हैं। घरेलू हिंसा के मुद्दे को इस फिल्म में भी बहुत अच्छी तरह दिखाया गया था।
रानी मुखर्जी की फिल्म मंडी को हम कैसे भूल सकते हैं। मेहंदी पूजा (रानी मुखर्जी) की कहानी है जो निरंजन (फ़राज़ खान) से शादी करती है। एक मध्यम वर्गीय परिवार से आने के बाद, वह अपने पति से पूरे दिल से प्यार करती है और अपने माता-पिता की तरह ही ससुराल वालों से गले मिलती है। हालांकि, जब परिवार को दहेज नहीं मिलता है, तो वे पूजा को उस हद तक प्रताड़ित करना शुरू कर देते हैं, जब वे उसे मारने के लिए उसके खिलाफ साजिश रचते हैं। रानी ने 1997 में फिल्म राजा की आएगी बरात में भी घरेलू हिंसा को दर्शाया था।
दमन एक ऐसी फिल्म है जो वैवाहिक बलात्कार सहित विवाह के कुछ सबसे बुरे और सबसे भयानक पहलुओं के इर्द-गिर्द घूमती है। दुर्गा के किरदार में रवीना और उनके पति संजय के किरदार में सयाजी शिंदे ने भी इस टॉपिक को बड़ी स्ट्रॉन्ग तरीके से पेश किया था। इसमें संजय दुर्गा को इस हद तक प्रताड़ित करता है कि वह अंत में अपने ही पति को मार डालती है।
इसके अलावा रेखा की 'खून भरी मांग', ऐश्वर्या राय की हॉलीवुड फिल्म 'प्रोवोक्ड', माधुरी दीक्षित, रेखा, मनीषा कोइराला और महिमा चौधरी की फिल्म 'लज्जा' ने भी घरेलू हिंसा जैसे मुद्दे को उठाया था। यही नहीं पिछले साल रिलीज़ हुई कबीर सिंह में भी 'थपप्ड़' को लेकर कई बवाल हुए। फिल्म में शाहिद कपूर का किरदार कबीर, किआरा आडवाणी के किरदार प्रीति को थप्पड़ मारता है। इसपर बहुत लोगों और सेलेब्स ने भी आपत्ति जताई और कहा कि वो जिससे प्यार करता है उसपर हाथ कैसे उठा सकता है और वो भी लड़की पर!
Shikha Sharma :शिखा, इसका मतलब होता है पहाड़ की चोटी लेकिन, अपने काम में मैं चोटी से लेकर एड़ी तक ज़ोर लगा देती हूं! बॉलीवुड फ़िल्में और गानें मेरी रगों में हैं! किशोर कुमार से लेकर बादशाह तक, म्युज़िक मेरी ज़िन्दगी है!