बॉलीवुड फिल्में लीड एक्टर्स से ही नहीं जानी जाती, बल्कि फिल्म की स्क्रिप्ट होना भी होता है जरुरी। तो आइए जानते हैं ऐसे बॉलीवुड फिल्मों के डबल मीनिंग डायलॉग्स के बारे में।
फिल्म गैंग्स ऑफ वासेपुर में एक्टर नवाजुद्दीन सिद्दिकी द्वारा बोला गया डायलॉग ‘तुम्हे याद कर करके हाथ थक गया हमारा।
फिल्म रेस 2 में अनिल कपूर भी मस्ती करते नजर आए..जरा पढ़िए उनका यह डायलॉग ‘ऊपर वाले ने तुम्हे आगे और पीछे बहुत कुछ दिया है लेकिन ऊपर कुछ नहीं दिया।
फिल्म क्या सुपर कूल हैं हम तो वैसे ही डबल मीनिंग के लिए जानी जाती हैं फिर भी इस फिल्म का यह डायलाग हंसा-हंसा कर पेट दर्द कर देगा ‘ तुषार फिल्म में रितेश से पूछते हैं कि वह सबसे पहले लड़की में क्या देखता है इस पर रितेश का जवाब आता है कि डिपेंड करता है लड़की आ रही है या जा रही है।
यह था फिल्म रांझना में एक्टर धनुष का दमदार डायलॉग ‘ कुंदन के पायजामे का नाड़ा इतना ढीला नहीं है कि तेरे ब्लाउज के हुक से खुल जाए।
फिल्म गोलियाों की रासलीला-राम लीला में रणवीर का डायलॉग ‘जितनी तू गरम है उतना तेरा बिस्तर नरम है।
फिल्म गुंडा का यह डबल मीनिंग डायलॉग ‘मेरा नाम है बुल्ला मैं रखता हूं खुल्ला।’
फिल्म नमस्ते लंदन में अक्षय कुमार के इस डायलॉग ने अंग्रेजों की बोलती बंद कर दी थी। ‘झंडा चाहे किसी भी देश का हो डंडा हिंदुस्तान का होना चाहिए।
खैर, यह थे बॉलीवुड फिल्मों के कुछ डबल मीनिंग डायलॉग, इनमेसे आपको कौन से डायलॉग ने खूब हसाया , यह जरूर बताइये , निचे कमैंट्स करें।