Article 15 Movie Review: आयुष्मान खुराना की इस फिल्म के ये सीन देखना चाहेंगे बार-बार, झकझोर देगी कहानी

बधाई हो (Badhaai Ho) और अंधाधुन (Andhadhun) के बाद आयुष्मान खुराना (Ayushmann Khurana) की फिल्म आर्टिकल 15 (Article 15) देखने का प्लान आप बना रहे हैं, हमें पता है लेकिन इस फिल्म को देखने से पहले आपका ये जानना बेहद जरूरी है कि फिल्म बनी कैसी है ? पढ़ें आर्टिकल 15 फिल्म का रिव्यू।

आर्टिकल 15 फिल्म का एक सीन (फोटो इंस्टाग्राम)

फिल्म का नाम – आर्टिकल 15
स्टार कास्ट – आयुष्मान खुराना, ईशा तलवार, मनोज पाहवा, सयानी गुप्ता, कुमुद मिश्रा और मोहम्मद जीशान अयूब
डायरेक्टर – अनुभव सिन्हा
हिन्दी रश रेटिंग – 3.5 स्टार

आर्टिकल 15 (ARTICLE 15) फिल्म की कहानी आयुष्मान खुराना (अयान रंजन) की है जो एक आईपीएस अफसर हैं। आयुष्मान की पोस्टिंग यूपी के लाल गावं में हो जाती है जहां जातिवाद और माफियागिरी का दबदबा है। लाल गांव में तीन लड़कियों की लापता होने की खबर है। कुछ दिनों बाद पता चलता है कि दो लड़कियों की लाशें पेड़ से लटकी और एक लड़की अभी भी गायब है। गुम हुई लड़की को ढूंढने के लिए आयुष्मान खुराना एड़ी चोटी का जोर लगा देते हैं। इस बीच उन्हें धर्म, जाति, राजपूत, ब्राह्मण, हरिजन, बहुजन,अमीरी-गरीबी, उच्च वर्ग और निम्न वर्ग जैसी चीजों से उलझना पड़ता है। एक तरफ अकेले आयुष्मान खुराना उस लड़की को खोज रहे हैं तो वहीं दूसरे तरफ उन्ही का भर्स्ट डिपार्टमेंट दुश्मन बने खड़ा है। ऐसे में धर्म के ठेकेदारों से उस लड़की को बचा पाने में आईपीएस अफसर साहब कामयाब होते हैं या नहीं जानने के लिए आपको फिल्म देखने जाना होगा।

अभिनय के मामले में आयुष्मान खुराना ने फिर दिल जीता

बधाई हो, अंधाधुन जैसी हिट फिल्मों के बाद हमारी निगाहें टिकी थी ये देखने में कि एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के सीरियस किरदार को आयुष्मान (Ayushmann Khurana) किस तरह निभा पाते हैं। यकीन मानिए जब जब आयुषमान ने डायलॉग डिलवरी की है हमे सोचने पर मजबूर किया है। अभिनेता की एक्टिंग ने हमें ये बताया कि निम्न वर्ग के लोगों की तकलीफे और उनकी बदसूरत लाइफ स्टाइल हम देखते तो रोज हैं पर उन्हें याद नहीं रखते। आयुष्मान के यादगार किरदारों का जिक्र जब जब होगा, आर्टिकल 15 मूवी का नाम उस लिस्ट में शामिल होगा। इसके अलावा ईशा तलवार, मनोज पाहवा, सयानी गुप्ता, कुमुद मिश्रा और मोहम्मद जीशान अयूब ने भी अपना 100% दिया है।

अनुभव सिन्हा का धर्म के ठेकेदारों पर जोरदार प्रहार

वैसे तो आर्टिकल 15 फिल्म का मुद्दा पुराना है कई फिल्मों में हमने देखा है लेकिन अनुभव सिन्हा (Ayushmann Khurana) की आंखो से आप अमीरी-गरीबी, उच्च वर्ग और निम्न वर्ग जैसी चीजों को करीब से देखेंगे। सिनेमटॉग्रफी की बात हो, स्क्रीन प्ले की बात हो या बैक ग्राउंड स्कोर की। हर मामले पर अनुभव सिन्हा ने बारीकी से पकड़ बनाए रखी है। ये फिल्म अनुभव सिन्हा की शानदार फिल्मों में से एक है।

आर्टिकल 15 में देखने लायक सीन

इस फिल्म के कुछ सीन आप घर भी जाकर सोचने वाले हैं। जैसे ‘कहब तो लाग जाई धक्क से’ सॉन्ग, सीवर में डूबकर कचरा साफ करने वाला सफाई कर्मचारी वाला सीन, सुअर की दलदल से रास्ता पार करने वाला सीन, एक पुलिसवाला रोज कुत्तों को बिस्किट खिलाता है लेकिन दलित इंसान उसके लिए कुत्तों से भी गैर गुजरा है। एक सीन तो ऐसा भी जो बॉलीवुड में पहली बार फिल्माया गया है जिसमे देश की राजनीतिक पार्टियों के चुनाव चिन्ह के बारे में बात की जाती है।

ऐसा नहीं है कि फिल्म में सारी चीजे बढ़ियां ही हैं। फर्स्ट हाल्फ कुछ हद तक स्लो है। पर हमे ऐसा लगता है कि उसे इग्नोर किया जा सकता है।

वीडियो में देखें आर्टिकल 15 का ट्रेलर… 

धर्मेंद्र दुबे :मेरा नाम धर्मेंद्र दुबे है। फिल्म जगत की खबरें आप तक पहुंचना मेरा काम है। अजय देवगन ने मेरे लिए कहा था, 'तुम एक अच्छे पत्रकार ही नहीं बल्कि एक अच्छे इंसान भी हो'।