हर हफ्ते कई फिल्म रिलीज होती हैं ऐसी ही इस हफ्ते बॉक्स ऑफिस पर रिलीज हुई है। शर्मन जोशी फिल्म ‘काशी’ और सैफअली खान की ‘बाजार’ । अब आप अगर इस हफ्ते दोनों ही फिल्मों में से किसी एक को देखने का प्लान बना रहे हैं तो हम मदद कर देते हैं और ये बता देते हैं कि कौन सी फिल्म होगी है पैसा वसूल और किसे देखना होगा फिजूल!
‘काशी इन सर्च ऑफ गंगा’
शर्मन जोशी ( Sharman joshi) फिल्म ‘काशी इन सर्च ऑफ गंगा’ के जरीए अपना कमबैक कर रहे हैं। काशी में उनका अभिनय शानदार है। फिल्म का ट्रेलर काफी सस्पेंस भरा हुआ है। फिल्म में भी आपको ठीक-ठाक उत्साह देखने को मिल जाएगा। फिल्म की कहानी मनीष किशोर ने लिखी है। ये फिल्म काशी में फिल्माई गई है।
फिल्म की कहानी शुरू होती है लीड हीरो काशी( शरमन जोशी) से…जो अपनी बहन (गंगा) और माता-पिता के साथ खुशाल जिंदगी बीताता है। काशी की मुलाकात एक पत्रकार देविना(ऐश्वर्या दीवान) से हो जाती है। ये दोनों एक दूसरे के प्रेम में पड़ जाते हैं। इसी चलते कहानी में एक ट्विस्ट आता है। काशी की बहन गंगा गुमशुदा हो जाती है। जिसे खोजने के लिए काशी अपनी पूरी जी जान लगा देता है। फिल्म आपको ट्विस्ट और टर्न के चलते बांधे रखती है। लेकिन अंतिम संस्पेंस जानने के लिए 2 घंटा बर्बाद करने जैसा है। हालांकि फिल्म में अंतिम संस्पेंस देखकर आप दंग हो जाएंगे। अब सवाल ये है कि क्या काशी गंगा का ढूंढने में सफल होता है या नहीं? उसके लिए आपको सिनेमाघर में जाकर फिल्म देखनी होगी।
शरमन जोशी ने फिल्म में अपना किरदार में जबरदस्त तरीके से अभिनय किया है। वहीं ऐश्वर्या दीवान ने भी अपनी डेब्यू फिल्म से सफल शुरुआत की है। फिल्म में धीरज कुमार का निर्देशन थोड़ा कमजोर नजर आता है। म्यूजिक डायरेक्टर अंकित तिवारी और विपिन पाटवा है। उन्होंने फिल्म का संगीत कथानक के अनुसार पेश किया है।
‘बाजार’
सैफअली खान की ये फिल्म पूरी स्टॉक मार्केट और उसमें चलने वाले हथकंड़ों के आसपास घूमती हैं। लाखों लोग जल्दी पैसा कमाने के लिए स्टॉक्स में इन्वेस्ट करते हैं। सैफअली खान (Saif Ali Khan), रोहन मेहरा (Rohan Mehra), राधिका आप्टे (Radhika Apte) और चित्रांगदा सिंह (Chiitrangda Singh) की बाजार इसी पर आधारित है। बाजार हमारे सामने एक ऐसी दुनिया लेकर आती है, जिससे हम रूबरू नहीं हैं। ये फिल्म लव मनी और धोखे का मिश्रण है।
फिल्म की कहानी रिजवान अहमद (रोहन मेहरा) इलाहाबाद से अपने सपने पूरे करने के लिए मुंबई आता है। वो शकुन कोठारी (सैफ अली खान) को अपना आदर्श मानता है और वो उसके साथ काम करना चाहता है। शकुन बहुत लालची और चालाक बिजनसमैन होता है। जो अपने प्रॉफिट के लिए कुछ भी कर सकता है। फिल्म आपको बांधे रखती है। ये फिल्म पूरी तरह से स्टॉक मार्केट पर आधारित है। जो लोग फैमली ड्रामा देखकर बोर हो चुके है। उनको ये फिल्म पसंद आएगी।
फिल्म के निर्देशक गौरव के. चावला ने पूरी मजबूती से फिल्म को पकड़ रखा है। फिल्म 1987 की विलियम डगलय की फिल्म वॉल स्ट्रीट पर काफी प्रभाव डालते हैं। इस फिल्म से डेब्यू करने वाले रोहन मेहरा का अभिनय अच्छा है। वहीं सैफ अली खान द्वारा बोले जाने वाले गुजराती डायलॉग्स फिल्म में अच्छे लगते है। यदि आप लीग से हटकर फिल्में देखना पसंद करते हैं तो आपको सिनेमाघर में जाकर ये फिल्म जरूर देखनी चाहिए।