फिल्म का नाम – छिछोरे
कलाकार – सुशांत सिंह राजपूत, श्रद्धा कपूर, प्रतीक बब्बर, वरुण शर्मा, ताहिर राज भसीन, नवीन पॉलीशेट्टी, क्रिस क्रॉस, तुषार पांडे
निर्देशक – नितेश तिवारी
स्टार – 3.5
छिछोरे की कहानी बड़ी काम की चीज़ है
इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के लिए अनिरुद्ध (सुशांत सिंह राजपूत) एक विख्यात कोलेज में पहुँचते हैं जहाँ उनका सामना होता है रेगिंग करने वाले कुछ सीनियर्स से। सुशांत की रेगिंग करते करते सेक्सा ( वरुण शर्मा), डेरेक (ताहिर राज भसीन), एसिड (नवीन पॉलीशेट्टी), बेवड़ा (सहर्ष शुक्ला), क्रिस क्रॉस ( रोहित चौहान), मम्मी (तुषार पांडे) अच्छे दोस्त बन जाते हैं। इनकी दोस्ती भले ही बेहतरीन हो पर कॉलेज में इन्हे लूजर्स बुलाया जाता है क्योंकि इस ग्रुप ने स्पोर्ट्स में कभी कोई जीत हासिल नहीं की। कॉलेज में ही श्रद्धा कपूर (Shraddha Kapoor) भी पढ़ती हैं जिन पर सारा कॉलेज मरता है पर वे खुद सुशांत पर जान छिड़कती हैं। सुशांत एंड ग्रुप का सामना है कॉलेज के दूसरे ग्रुप प्रतीक बब्बर से, जो हर साल के चैम्पियन हैं। ख़ुद से लूजर्स का ठप्पा हटाने के लिए सुशांत एंड ग्रुप जुट जाते हैं चैम्पियन बनने की होड़ में। इन्हें कामयाबी हासिल होती है या नहीं जानने के लिए आपको फ़िल्म देखने जाना होगा।
सुशांत का अभिनय तारीफ़ के क़ाबिल है
हम सुशांत सिंह राजपूत (Shushant Singh Rajput) की तारीफ़ इसलिए कर रहे हैं क्योंकि उन्होंने अपनी एक्टिंग में एक बार भी ये नहीं जताया कि वे नए एक्टरों के साथ काम कर रहे हैं। कहानी की लय में अपने किरदार के साथ बहते ही चले गए। ज़बरदस्त अभिनय किया है सुशांत सिंह ने। काफ़ी समय बाद श्रद्धा कपूर का भी अभिनय दर्शकों की तालियाँ अपनी तरफ़ खिंचने वाला है। इसके अलावा प्रतीक बब्बर, वरुण शर्मा, ताहिर राज भसीन, नवीन पॉलीशेट्टी, क्रिस क्रॉस, तुषार पांडे ने भी अपना बेस्ट दिया है।
मान गए डायरेक्टर साहेब
नितेश तिवारी (Nitesh Tiwari) ने छिछोर फ़िल्म का डायरेक्शन किया है जिसमें कामयाबी हासिल की है। कॉलेज में रेगिंग करने का अलग ही कॉमडी अन्दाज़ पेश किया है। स्वाभाविक और हज़म होने वाली चीज़ें ही स्क्रीन पर दिखाई है। कलाकारों को बड़े ही बारीकी से इस्तमाल किया है। फ़िल्म में बोरियत का एहसास बिलकुल होने नहीं दिया।
सीधी बात नो बकवास
इंजीनियरिंग वाला कॉलेज है इसलिए थोड़े से सीन पढ़ाकू वाले भी डाले जा सकते थे। कहीं विद्यार्थी लूजर्स से चैम्पियन बनने का मतलब स्पोर्ट्स को ही ना जान लें। ये फ़िल्म उन विद्यार्थियों को ज़रूर देखनी चाहिए, जो बात बात पर आत्महत्या जैसा क़दम उठा लेते हैं। थ्री इडियट, स्टूडेंट ऑफ़ द ईयर भी विद्यार्थी जीवन पर बनाई गई फ़िल्म है लेकिन छिछोरे की कहानी कुछ अलग है। आपको कम से कम एक बार इस फ़िल्म को देखना ही चाहिए।
Chhichhore Movie: छिछोरे के डायरेक्टर नितेश तिवारी बोले- इस वजह से ये फिल्म मेरी जिंदगी से जुड़ी है