फिल्म रिव्यूः प्यार और परिवार की इमोशनल कहानी बयां करती है ‘एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा’

फिल्म एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा में एक होमोसेक्सुअल लव स्टोरी के साथ परिवार के बीच के इमोशंस को भी दिखाया है। फिल्म एंड तक जाते-जाते आपको भावुक कर देगी।

फिल्म 'एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा' का पोस्टर (साभारः सोनम कपूर इंस्टाग्राम)

डायरेक्टरः शैली चोपड़ा धर
प्रोड्यूसरः विधु विनोद चोपड़ा
स्टारकास्टः अनिल कपूर, सोनम कपूर, जूही चावला, राजकुमार राव, अक्षय ओबेराय, रेजिन कासांद्रा, मधुमाल्ती कपूर, ब्रिजेंद्र काला, अभिषेक दुहान, सीमा पाहवा, सारा अर्जुन

राइटरः गजल धालीवाल, शैली चोपड़ा धर
टाइमः 120 मिनट यानि पूरे दो घंटे

रेटिंगः 2.5 स्टार

फिल्म एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा कल यानि शुक्रवार को रिलीज हो जाएगी। जैसा कि हम सब लोगों को पहले ही पता चल चुका है कि फिल्म होमोसेक्सुअल लव स्टोरी पर आधारित है। लेकिन यह तो सिर्फ ट्रेलर देखकर हम सभी ने अंदाजा लगाया। लेकिन ये ट्रेलर फिल्म की एक झलक और एक एंगल है। यहां हम आपको बताएंगे फिल्म की कहानी और दूसरे एंगल।

फिल्म में सोनम कपूर ने स्वीटी का किरदार निभाया है। स्वीटी बलवीर चौधरी यानि अनिल कपूर की बेटी हैं। बलवीर सिंह अपने आपको मोगा का मुकेश अंबानी समझते है। स्वीटी बचपन से अपने सपने के राजकुमार यानि शादी के सपने देखती है। जब सोनम बड़ी होती है तो उसके घरवालों मुख्य रूप से उसके भाई को स्वीटी शादी की चिंता सताती है और वह अपने बलविंदर से उसकी शादी करवाने के लिए कहता है।

फिर क्या! स्वीटी का भाई और परिवार निकल पड़ते हैं, स्वीटी के लिए लड़का ढूंढने। बिना स्वीटी की राय जाने, बिना स्वीटी को बताए। इसी बीच स्वीटी की मुलाकात राजकुमार राव यानि साहिल मिर्जा से होती है। साहिल मिर्जा एक राइटर और डायरेक्टर है। साहिल मिर्जा स्वीटी को देखते ही पसंद करने लगता है और उसे प्यार करने लगता है। जूही चावला फिल्म में एक कैटरर का किरदार निभाती हैं।

यहां से आता है कहानी में मोड़

साहिल मिर्जा जब बलविंदर सिंह को स्वीटी से प्यार के बारे में बताता है, तो वह उसकी शादी करवाने के लिए तैयार हो जाता है। स्वीटी साहिल से मिलती है। उसके साथ समय बिताती है। लेकिन साहिल को ज्यादा करीब आते देख उसे अपनी एक सच्चाई बताती है। वह छुप-छुप कर किसी और से भी मिलने जाती है। कहानी में मोड़ उसके भाई को सच्चाई पता चलने के बाद आता है।

ये है दूसरा एंगल

यहां से शुरू होता है कहानी का दूसरा एंगल। जोकि एक परिवार और समाज को कभी बर्दाश्त नहीं हो पाता। स्वीटी का भाई जब अपने होने वाले जीजा यानि साहिल मिर्जा पर हाथ उठाता है और पूरे परिवार को बताता है स्वीटी साहिल मिर्जा से बल्कि किसी और से मिलने जाती है। वो भी किसी लड़के से नहीं एक लड़की से। कुछ ऐसी है फिल्म की कहानी।

फिल्म  ‘एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा’ को बारीकी से समझने के लिए आपको सिनेमाघर का रुख करना होगा। वहां जाकर आपको हंसी भी आएगी और एंड तक आते-आते थोड़े भावुक भी हो जाएंगे। अब देखना ये है कि आप जब फिल्म देखकर निकलेंगे तो क्या लेकर जाएंगे। दो घंटे का एन्जॉयमेंट या फिल्म से मिलना सोशल मैसेज। शैली चोपड़ा धर ने एक ऐसे विषय पर एक मार्मिक कहानी गढ़ी है, जिसे बॉलीवुड में छोटे स्तर पर  निपटाया नहीं गया है।

अक्षय कुमार ने  फिल्म देखकर कहा ये

रमेश कुमार :जाकिर हुसैन कॉलेज (डीयू) से बीए (हॉनर्स) पॉलिटिकल साइंस में डिग्री लेने के बाद रामजस कॉलेज में दाखिला लिया और डिपार्टमेंट ऑफ पॉलिटकल साइंस में पढ़ाई की। इसके बाद आईआईएमसी दिल्ली।