Pihu Film Review: दिल झकझोर देगी 2 साल की मासूम बच्ची की खौफनाक कहानी

फिल्म में 2 साल की बच्ची की एक्टिंग तारीफे काबिल है। ये फिल्म पती-पत्नी के बीच हो रही हिंसा के बीच 2 साल की बच्ची पीहू किन परिस्थितियों से गुजरती है...

फिल्म का नाम- पीहू
निर्देशक- विनोद कापड़ी
स्टार कास्ट- मायरा विश्वकर्मा
अवधि- 1 घंटा 32 मिनट
रेटिंग- 3 स्टार

विनोद कापड़ी के निर्देशन में बनी फिल्म दो साल की बच्ची पीहू के इर्द गिर्द घुमती हुई फिल्म है। फिल्म की कहानी काफी शानदार और भयावक (अंदर से कपा) फिल्म है। फिल्म में 2 साल की बच्ची की एक्टिंग तारीफे काबिल है। ये फिल्म पती-पत्नी के बीच हो रही हिंसा के बीच 2 साल की बच्ची पीहू किन परिस्थितियों से गुजरती है। ये बखूबी दिखाया गया है।

फिल्म पीहू से शुरू होती है। जो अपने जन्मदिन के दूसरे दिन जब सोकर उठती है तो अपनी मां को मरा हुआ पाती है। लेकिन वो सोचती है कि उसकी मां सो रही है। घर में अकेले पीहू होती है इस दौरान वो अपनी मां से बातें करती हुई भी दिखती है इसके साथ ही पीहू खाना खाने के लिए भी जतन करती हैं।

कभी वो खुद को फ्रिज में बंद कर लेती हैं तो कभी वो अपने लिए खाना बनाने की भी कोशिश करती हैं। एक सीन में पीहू अकेले अपनी गुड़िया से खेल रही होती है उसकी गुड़िया उसके अपार्टमेंट की बिल्डिंग से नीचे गिर जाती है। इस तरह के संस्पेंस सीन फिल्म में कई बार आते हैं। जिन्हें देखकर आपको बार-बार डर लग सकता है। दरअसल फिल्म 15 मिनट के बाद से ही संस्पेंस और डराने लगती है। फिल्म देखकर किसी को भी डर लग जाएगा कि यदि घर में कोई छोटा बच्चा है तो कुछ भी हो सकता है।

फिल्म में दो बातें लोगों को देखने के लिए विवश करेगी। पहली बात हादसा क्या होता है और दूसरी बात यह कि पीहू अंतिम तक बच पाएगी या नहीं। ये फिल्म इससे पहले कई फैस्टिवल में भी दिखाई जा चुकी है। जहां लोगों ने इस फिल्म को काफी सराहा है। फिल्म में विनोद और मायरा दोनों तारीफेकाबिल हैं।

 

नीचे पढ़िए फिल्म के बारे में कुछ प्रमुख लोगों की राय…

वीडियो में देखिए पीहू फिल्म का ट्रेलर…

कविता सिंह :विवाह के लिए 36 गुण होते हैं, ऐसा फ़िल्मों में दिखाते हैं, पर लिखने के लिए 36 गुण भी कम हैं। पर लेखन के लिए थोड़े बहुत गुण तो है हीं। बाकी उम्र के साथ-साथ आ जायेंगे।