भारत के सबसे अमीर शख्स मुकेश अंबानी की बेटी ईशा अंबानी की आज इटली में आकाश पिरामल के साथ सगाई करने जा रही हैं। रिलायंस जियो और रिलायंस रिटेल की निदेशक मंडल की सदस्य हैं। ईशा ने येल विश्वविद्यालय से मनोविज्ञान और साउथ एशियन स्टडीज में स्नातक की पढ़ाई की है। वह अभी स्टैण्डफोर्ड के ग्रेजुएट स्कूल ऑफ बिजनेस से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन प्रोग्राम स्नातकोत्तर कर रही हैं।
2014 में मुकेश अंबानी ने अपनी बेटी ईशा अंबानी की रिलायंस जियो और रिलायंस रिटेल में बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स नियुक्त किया था। तब से ईशा अंबानी रिलायंस जियो की स्ट्रैटजी पर काम कर रही हैं। ईशा को लेकर ये भी कहा जाता है कि 4G टेक्नोलॉजी पर ईशा की पकड़ मजबूत है।
वहीं इससे पहले कुछ समय के लिए ईशा ने ग्लोबल कंसल्टिंग कंपनी मैंकेन्जी के साथ काम करना शुरू किया था, लेकिन वो कुछ समय बाद भारत वापस आ गईं और रिलायंस के 4G टेक्नोलॉजी पर काम करने लगीं। ईशा अंबानी ने दिसंबर 2015 में जियो की 4 जी सेवाओं का शुभारंभ किया था।
ईशा अंबानी को फोर्ब्स ने वर्ष 2008 में, उन्हें सबसे युवा अरबपति की सूची में दूसरे स्थान पर रखा था, क्योंकि उनकी कुल सम्पति ₹460 करोड़ थी। वर्ष 2015 में, उन्हें एशिया की बारह शक्तिशाली भावी कारोबारी महिलाओं की सूची में सूचीबद्ध किया गया। बता दें ईशा प्रशिक्षित पियानोवादक के साथ एक फुटबॉल खिलाड़ी भी हैं, जिसके चलते यूनिवर्सिटी फुटबॉल टीम के लिए खेलती हैं।
ईशा की लव लाइफ
ईशा और आनंद एक दूसरे को काफी अच्छे से जानते थे। ईशा-आनंद की यहीं दोस्ती उनके प्यार में बदल गई। महाबलेश्वर के मंदिर में आनंद ने ईश अंबानी को प्रपोज किया था। वहीं, मई के महीने में हुए एक निजी समारोह में दोनों परिवार के मौजूदगी में इस बात का जश्न भी मनाया गया।
इसके साथ ही ऐसी खबर भी है कि ईशा और आनंद की शादी इसी साल 12 दिसंबर को मुंबई में हो सकती है। वहीं, बात करें प्री वेडिंग सेलिब्रेशन की तो वह नवंबर के आखिरी हफ्ते में हो सकता है। अंबानी और पीरामल का परिवार उदयपुर में एक वेन्यू को फाइनल करने के लिए गया था।
कौन हैं आनंद पीरामल
आनंद पीरामल की उम्र महज 25 साल की है लेकिन फिलहाल वे 4 बिलियन डॉलर के वैल्यू वाली पीरामल एंटरप्राइज के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर हैं। हालांकि ये एंटरप्राइजेज इनके पिता की है लेकिन इससे पहले आनंद पीरामल ने खुद को साबित किया तब जाकर उनको इतनी बड़ी कंपनी की जिम्मेदारी दी गई। रियल्टी के फिल्ड में आने के कुछ ही समय बाद वह गोल्डमैन सॉक्स और वारबर्ग जैसे ग्लोबल फाइनेंशियल कंपनियों से करीब तीन हजार करोड़ रुपए का फंड जुटाने में सफल रहे।