Movie Review: इरफ़ान खान, दुलकर सलमान और मिथिला के इस ‘कारवां’ में शामिल होना तो बनता है

इरफ़ान खान, दुलकर सलमान और मिथिला से सजी कारवां सिखाएगी ज़िन्दगी का मतलब

  |     |     |     |   Updated 
Movie Review: इरफ़ान खान, दुलकर सलमान और मिथिला के इस ‘कारवां’ में शामिल होना तो बनता है
इरफ़ान खान, दुलकर सलमान और मिथिला से सजी कारवां सिखाएगी ज़िन्दगी का मतलब

“मैं अकेला ही चला था ज़नाब-ए-मंजिल, लोग जुड़ते गए और कारवां बनता चला गया|” शौकत (इरफ़ान खान) द्वारा लिखी गयी ये बात आपको फिल्म कारवां के भाव को को समझाती है|

फिल्म के निर्देशक आकर्ष खुराना की ये फिल्म आपको, खुद को ढूँढने में मदद करती है| इस फिल्म को बिजॉय नामबीर ने लिखी है और हुसैन दलाल के फनी डायलॉग्स आपको हँसाने में सक्षम होते है| इस ‘कारवां’ में शामिल होना तो बनता है|

हर ट्रेवल फिल्म में कहीं ना कहीं एक ही बात होती है..खुबसूरत जगहें, एक ही प्लाट जो दो घंटे तक खींचती है और हमारे और आप जैसे किरदार, इसे फिल्म में बखूबी से दर्शाया गया है| इस फिल्म में जिस तरह से बैंगलोर से लेकर कोच्ची तक का सफ़र तय किया गया है उसे देखकर हर साउथ इंडियन खुश हो जाएगा|

अविनाश अरुण की दाद देनी होगी जिन्होंने इस ‘कारवां’ में नज़र आये नज़ारें को और भी खुबसूरत बना दिया है|

‘कारवाँ’ अविनाश (दुलकर सलमान) की कहानी है जो अपने पिता के मरने की खबर पाता है और शौकत (इरफ़ान खान) की मदद से बॉडी ले जाता है लेकिन ऐसी सिचुएशन आ जाती है कि उसके पिता की बॉडी तान्या (मिथिला पालकर) की दादी की बॉडी से बदल जाती है| ऐसे में कारवां के सफ़र में अविनाश, शौकत और तान्या होते है| इस बीच उनके सामने कई मुश्किलें खड़ी होती है जिसमें इस बात का खुलासा होता है ये तीनो किरदार ऐसे क्यों है|

इस फिल्म का प्लाट बहुत ही सिंपल है और इसे दो घंटे तक खिंचा गया है| इमरान खान की कॉमिक टाइमिंग और डायलॉग बोलने के तरीके के साथ साथ दुलकर और मिथिला ने अपने अपने किरदार को खुद में घोल लिया था| सही समय पर म्युज़िक का प्रयोग किया गया है जो इस फिल्म के सिचुएशन के साथ मैच होता है|

इरफ़ान खान ने एक बार फिर ये बात साबित कर दी कि क्यों बॉलीवुड में उनके जैसा कोई खान नहीं है| सिर्फ वही इस फिल्म में अपने किरदार को इतनी आसानी से निभाया है| फिल्म को देखते समय आप चाहेंगे कि हर सेकेण्ड में इरफ़ान खान रहे|

“रोती हुई औरत और दूधवाले पर कभी भरोसा नहीं करना चाहिए” ऐसे ही कुछ डायलॉग्स के साथ इरफ़ान लोगों के चेहरे पर मुस्कान ला देते है| एक तरफ जहाँ इरफ़ान खान इस फिल्म में छाए हुए हैं वैस ही दुलकर सलमान की एक्टिंग आपको फ्रेश लगती है| कारवां देखने के बाद हम यही कहेंगे कि दुलकर सलमान के डेब्यू के लिए ये फिल्म परफेक्ट थी| मिथिला पालकर ने भी अपनी एक्टिंग से परदे पर जान ला दी है|

कुल मिलकर ‘कारवां’ बुरी फिल्मों को भूलने में आपकी मदद करेगी|

इस फिल्म को हम मूवी मीटर पर 65% देते है|

Exclusive News, TV News और Bhojpuri News in Hindi के लिए देखें HindiRush । देश और दुन‍िया की सभी खबरों की ताजा अपडेट के ल‍िए जुड़िए हमारे FACEBOOK पेज से ।

Story Author: श्रेया दुबे

खबरें तो सब देते हैं, लेकिन तीखे खबरों को मजेदार अंदाज़ में आपतक पहुंचाना मुझे बहुत अच्छा लगता है। पिछले चार साल से पत्रकारिता के क्षेत्र में हूं। कुछ नया सीखने की कोशिश कर रही हूं। फिलहाल इंटरनेट को और एंटरटेनिंग बना रही हूं।

shreya.dubey@hindirush.com     +91 9004241611
601, ड्यूरोलाइट हाउस, न्यू लिंक रोड, अंधेरी वेस्ट,मुंबई, महाराष्ट्र, इंडिया- 400053
Tags:

Leave a Reply