रॉबी थोड़े डरे हुए आवाज़ में अपनी वाइफ़ रूमी से पूछता है, “प्यार करती हो मुझसे?” और इस सवाल के जवाब में रूमी बेझिझक कहती है “हो जाएगा प्यार” | यही फिल्म मनमर्ज़ियाँ का सार है| एक ऐसी लव स्टोरी हो उम्मीदों से परे और विद्रोही है| इस फिल्म की कहानी बताती है कि क्या होता है जब आप प्यार में पड़ते हैं | तापसी पन्नू ने फिल्म में रूमी का किरदार निभाया है, एक युवा और चहचहाती हुई लड़की जिसे ‘फ्यार’ हो जाता है एक पागल और बेफिक्रा विकी कौशल से| विकी के पास देने के लिए बहुत प्यार है लेकिन उसमें कोई उद्देश्य नहीं है साथ ही साथ इंजीनियरिंग और एम्.बी.ए की फेल डिग्रियां भी हैं| दोनों विद्रोही प्यार में पागल होते हैं तभी उनकी ज़िन्दगी उन्हें ऐसे मोड़ पर ले आती हैं जहाँ दोनों को ‘शादी’ का सामना करना पड़ता है| यही पर एंट्री होती है रॉबी यानी अभिषेक बच्चन की, एक ऐसा बैंकर जिसके पास वो सब कुछ है जो विकी के पास नहीं है साथ ही साथ वो रूमी की पिछली ज़िन्दगी के बारे में जानने के बावजूद उससे शादी करने के लिए तैयार है|
अनुराग कश्यप की ये फिल्म कई बार हमें संजय लीला भंसाली की फिल्म हम दिल दे चुक सनम की याद दिलाती है। हालांकि, अनुराग ने अपनी इस लव स्टोरी में अपना फ्लेवर जरूर दिया है| कनिका ढिल्लों के लेखन में रोमांस का ऐसा तड़का लगा है जिससे आप और हम जैसे युवा रिलेट कर सकते हैं| मनमर्ज़ियाँ में रोमांस, कॉमेडी और नाटक जैसे सभी तत्वों का सही मिश्रण है|
फिल्म में तापसी पन्नू की एक्टिंग के बारे में बात करें तो कुछ जगहों पर ऐसा लगता है कि वो अपने किरदार में जानें की बहुत कोशिश करती नज़र आयीं हैं| लेकिन आखिरकार वो रूमी के किरदार में इतना खो जाती है कि ये किरदार आपको फिल्म के टाइटल मनमर्ज़ियाँ की याद दिला देगा| उनकी पागलपंती तो है ही लेकिन इस फिल्म में विकी कौशल ने अपनी शानदार एक्टिंग से हमारा दिल जीत लिया है|
विकी का किरदार ऐसा है जिससे आप प्यार तो करते हैं लेकिन आपको इस बात से नफरत है कि आप उसे प्यार क्यों करते हैं| जो लोग भी रिलेशनशिप और उसे निभाने के वादे से डरते हैं वो इस किरदार से रिलेट कर सकते हैं!
वहीँ अभिषेक बच्चन की बात करें तो वो बॉलीवुड में दो साल बाद लौटे हैं और हमने उन्हें मिस किया है | रॉबी का किरदार रूमी और विकी से बिलकुल अलग है, शांत और सभ्य| फिल्म में अभिषेक की परफॉर्मेंस बहुत ही संयमभरी है जो आपको अपनी सीट से चिपकायी रहती है| साथ ही साथ फिल्म में रूमी के साथ उसकी तकरार भी देखने ही लायक है| तापसी और विकी की जोड़ी एक तरह जहाँ पैशन से भरी है वहीँ अभिषेक बच्चन के साथ ये जोड़ी ऐसी लगती है जैसे कोई पुरानी शराब हो जो उम्र के साथ और नशा देती है|
वहीँ इस फिल्म के म्युज़िक की बात करें तो अमित त्रिवेदी को सलाम करना होगा| इस फिल्म का संगीत इसके सिचुएशन के साथ ऐसा मिक्स होता है कि कई बार आपको इसकी कहानी अपनी लगने लगती है| फिल्म का चित्रण और एडिटिनफ़ सिंपल और स्वीट है और फिल्म में तापसी के ट्रेडिशनल ड्रेसेस से नज़रें हटाना मुश्किल होगा|
फिल्म का पहला भाग बहुत ही मनोरंजक है वहीँ दूसरा भाग थोड़ा खिंचा गया है, खासकर फिल्म का अंत|
मनमर्ज़ियाँ शायद सभी को पसंद ना हो लेकिन जिन्हे भी रोमांटिक फिल्में पसंद है तो ये लव स्टोरी देखना तो बनता है|