फिल्मः मिशन मंगल
डायरेक्टरः जगन शक्ति
कास्टः अक्षय कुमार, विद्या बालन, तापसी पन्नू, सोनाक्षी सिन्हा, कीर्ति कुल्हारी, नित्या मेनन, शरमन जोशी और संजय कपूर
स्टारः 4/5
साल 2014 में न्यूयॉर्क टाइम्स ने एक आर्टिकल लिखा, जिसमें एक कार्टून भी बना हुआ था। इस आर्टिकल का टाइटल मार्स मिशन के लिए भारत का बजट था। कार्टून ने भारत पर तंज कसा। भारतीय नागरिकों और मीडिया ने तब इसका जवाब दिया था। फिल्म मिशन मंगल के माध्यम से, निर्माता ने इसे बयां किया और ऑडियंस को उन वैज्ञानिकों की लाइफ के बारे में बताया गया है, जिन्होंने भारत को गौरवान्वित किया। मिशन मंगल काफी काल्पनिक है, लेकिन ये ऑडियंस को काफी प्रभावित करता है क्योंकि इसमें सपनों की शक्ति और उड़ान के बारे में बताया गया है।
मिशन मंगल (Mission Mangal Movie Review) इसरो के एक प्रोजेक्ट मार्स ओरबिटर मिशन पर आधारित है। इसमें उन वैज्ञानिकों की टीम के बारे में बताया गया है जो इस मिशन को कम से कम कीमत में पूरा करने की चाह रखते हैं। फिल्म की कहानी उतनी दमदार नहीं है, लेकिन इसका क्रियान्वन और कास्ट आपको फिल्म के साथ जोड़े रखते हैं। आप में देशभक्ति की भावना पैदा करते हैं। कई बार आपको हैरान भी करते हैं। इसमें होम साइंस का यूज टीम को बचाने और अंतरिक्ष-विज्ञान के जटिल मुद्दों को समझाने के लिए किया गया है, जो कहानी को बड़े पैमाने पर ऑडियंस से जोड़ने में मदद करता है। कहानी में कई गानें हैं, हर गाना उन कैरेक्टर को दर्शाता हैं जो अपने जीवन में लड़ रहा है।
अक्षय कुमार खिलाड़ी से बने देशभक्त
सामाजिक मुद्दे और देशभक्ति थीम पर अक्षय कुमार काफी सावधानी से स्क्रिप्ट चुनते हैं, जो सफल भी होती है। यह खिलाड़ी कुमार के 90 के दशक फिल्मों से बिल्कुल अलग है। हालांकि मिशन मंगल कई ऐसे डायलॉग और लाइनें जो आपके दिल में उतरती हैं। उन्होंने फिल्म में अपने को-स्टार्स को अच्छा खासी जगह दी है। वह किसी भी कैरेक्टर के साथ ओवरलैप नहीं करते हैं।
विद्या बालन हर किरदार में फिट
विद्या बालन (Vidya Balan) फिल्म में तारा शिंदे का किरदार निभा रही है, जो कि सुप्रीम पॉवर में विश्वास करती हैं। हालांकि उनका बेटा उनका काफी मजाक बनाता है। उनका परफॉर्मेंस उनके द्वारा निभाए गए किरदारों के प्रति उनके दृढ़ विश्वास को दिखाता है। वह अपने कैरेक्टर में एक मातृ स्पर्श लाती हैं, जो अक्सर हमें उनकी पिछली फिल्म- मैं कर सकती है की पंचलाइन की याद दिलाती है।
सोनाक्षी का नहीं दिखा ज्यादा असर
अक्षय कुमार (Akshay Kumar) और विद्या बालन की प्लेटोनिक केमिस्ट्री काफी खूबसूरत है। दिलीप ताहिल नासा के एक्सपर्ट का किरदा निभा रहे हैं, जो एक प्रोजक्ट फेल होने के बाद इन वैज्ञानिक की टीम में शामिल होते हैं। विक्रम गोखले ने बहुत छोटा लेकिन महत्वपूर्ण रोल निभाया है और स्क्रीन पर देखना उन्हें अच्छा लगा। सोनाक्षी सिन्हा (Sonakshi Sinha) ज्यादा असर नहीं छोड़ती हैं, जबकि कीर्ति कुल्हारी और नित्या मेनन ने अपने परफॉर्मेंस के साथ जस्टिस किया है। तापसी पन्नू का बहुत कम दिखने का मौका मिला, जिससे थोड़ी निराशा होती है। हालांकि वह अपने किरदार से निराश नहीं होती और उनकी ईमानदारी आपका दिल छू लेगी। शरमन जोशी फिल्म में परमेश्वर नायडू और एच. जी. दत्तात्रय अनंत अय्यर का किरदार निभा रहे हैं अपनी छाप छोड़ते हैं और अक्षय कुमार के साथ कुछ जिम्मेदारी अपने कंधों पर लेते दिखाई देते हैं।
कई सपोर्टिव किरदार में बड़े एक्टर
संजय कपूर फिल्म में तारा शिंदे के पति का किरदार निभा रहे हैं और लोगों को एंटरटेन करने में सफल होते हैं। वह एक टिपिकल पति का किरदार निभाते हुए दिखाई देते हैं जो हमेशा अपनी पत्नी को ब्लेम करते हैं। मोहम्मद जीशान अय्युब और पूरब कोहली फिल्म में सपोर्टिव किरदार में हैं। फिल्म के आखिरी 15 मिनट ऑडियंस को मजबूती से पकड़े रखती है। स्टारकास्ट की दमदार परफॉर्मेंस आपको सिनेमाघरों की सीट पर बैठाए रखती है।
वीएफएक्स पर एवरेज काम
फिल्म का वीएफएक्स औसत है, लेकिन मार्स ओरबिटर मिशन बिना ज्यादा बजट के पूरा नहीं हुआ। इसके मेकर्स ने फिल्म का पूरा क्रेडिट इसरो की रियल टीम को दिया है। मिशन मंगल हमें उम्मीद देती है। अगर आप सपना देखते हैं तो उसे पूरा करने की इच्छाशक्ति देती है।
यहां देखिए मिशन मंगल का ट्रेलर…