नो फादर्स इन कश्मीर मूवी रिव्यू: वादियों में घुटती जिंदगियों की कहानी बयां करती है अश्विन कुमार की ये फिल्म 

अश्विन कुमार की फिल्म नो फादर्स इन कश्मीर इस हफ्ते देशभर में रिलीज हो रही है। सेंसर बोर्ड इसे रिलीज की इजाजत नहीं दे रहा था, लेकिन 8 महीने बाद हरी झंडी मिल ही गई। आइए जानते हैं फिल्म को देखने के लिए आप पैसे खर्च करें या नहीं?

नो फादर्स इन कश्मीर फिल्म का रिव्यू (फोटो इंस्टाग्राम)

फिल्म- नो फादर्स इन कश्मीर 

स्टार कास्ट- जारा वेब, शिवम् रैना, सोनी राजदान, अश्विन कुमार, कुलभूषण खरबंदास

निर्देशक- अश्विन कुमार 

हिन्दी रश रेटिंग- 3 स्टार 

फिल्म की कहानी से रूबरू 16 साल की नूर (ज़ारा वेब) ही कराती है जो लंदन में पली बढ़ी है पर अपने पिता की तलाश में कश्मीर आती है। कश्मीर में नूर की मुलाक़ात माजिद (शिवम रैना) से होती है। दोनों हम उम्र हैं इसलिए अच्छे दोस्त बन जाते हैं। माजिद की मदद लेते हुए नूर अपने पिता की तलाश में जुट जाती है।

रास्ते में नूर कश्मीर की उन परेशानियों को देखती है जो हम-आप अभी तक नहीं देख पाए हैं। कश्मीरियों का असली दर्द, कश्मीर का असली चेहरा देख आप सोचने पर मजबूर हो जाएंगे। नूर की मुलाक़ात उसके पिता से हो पाती है या नहीं? जानने के लिए आपको फिल्म देखने जाना ही होगा।

नूर और माजिद ही फिल्म के दो मुख्य कलाकार हैं। फिल्म की कहानी आप इनकी आँखों से ही देखने वाले हैं। जारा और शिवम् ने अपने किरदारों में बेहतरीन एक्टिंग की है। अश्विन कुमार ने भी बताया कि एक्टिंग उनकी रूह में है। सोनी राजदान और कुलभूषण खरबंदास सहित दूसरे कलाकारों ने भी अपना बेस्ट दिया है।

एक्टिंग के साथ निर्देशन में भी माहिर हैं अश्विन कुमार 

ऑस्कर के लिए ऐसे ही अश्विन कुमार का नाम नॉमिनेट नहीं होता। वे बढ़ियाँ एक्टर तो है हीं एक जबरदस्त निर्देशक भी हैं। कश्मीर की गंभीर हालत से रूबरू कराने के लिए हम अश्विन कुमार का धन्यवाद करना चाहेंगे।

कश्मीर जाने के लिए मजबूर करता फिल्म का संगीत

पहली बार कश्मीर का असली संगीत सुनकर मजा आया है। एक पल के लिए तो ऐसा लगा कि हम खुद कश्मीर में पहुंच चुके हैं। इस फिल्म के हुक्कुस बुक्कुस और रोशे गाने को आप खूब एन्जॉय करने वाले हैं।

वीडियो में देखिए, नो फादर्स इन कश्मीर फिल्म का ट्रेलर…

धर्मेंद्र दुबे :मेरा नाम धर्मेंद्र दुबे है। फिल्म जगत की खबरें आप तक पहुंचना मेरा काम है। अजय देवगन ने मेरे लिए कहा था, 'तुम एक अच्छे पत्रकार ही नहीं बल्कि एक अच्छे इंसान भी हो'।