Pataakha Movie Review: जानिए कैसी है विशाल भारद्वाज की फिल्म ‘पटाखा’

फिल्म 'पटाखा' बड़े पर्दे पर रिलीज हो गई है। फिल्म की कहानी दो बहनों के इर्द-गिर्द है।

ल्म का नाम: पटाखा
स्टार कास्ट: सुनील ग्रोवर, सान्या मल्होत्रा, राधिका मदान, विजय राज, सानंद वर्मा
निर्देशक: विशाल भारद्वाज
मूवी टाइप: कॉमेडी, ड्रामा
अवधि: 2 घंटा 16 मिनट

शुक्रवार को सिनेमाघरों में विशाल भारद्वाज के निर्देशन में बनी फिल्म ‘पटाखा’ बड़े पर्दे पर रिलीज हो गई है। फिल्म की कहानी दो बहनों  के इर्द-गिर्द है। जो हमेशा गंवई अंदाज में लड़ती-झगड़ती रहती हैं और मस्त होकर बीड़ी फूंकती हैं। जब दोनों बहनों की शादी हो जाती है। तब जाकर उन्हें अहसास होता है कि वे एक दूसरे के बिना नहीं रह सकती हैं। इस पूरी घटनाक्रम पर ये फिल्म आधारित है।

निर्देशक विशाल भारद्वाज की फिल्म स्टोरी कहानी चरन सिंह पाठक ने लिखी है। ये फिल्म दो बहनों पर आधारित है। फिल्म में बड़की चंपा कुमारी (राधिका मदन) और छुटकी बहन गेंदा कुमारी (सान्या मल्होत्रा) जो राजस्थान के एक छोटे से गांव में रहती हैं। गरीबी में पली-बढ़ी दो बहनों के जीवन की कहानी है। इसमें नकटी, रांड जैसी गावं-मुहल्ले की गालियां भी सुनने को मिलेंगी।

दोनों बहनों के बीच में प्यार का गहरा रिश्ता होता है। वे एक दूसरे से लड़ाई-झगड़ा करते हुए ही बड़ी हुईं हैं। ये बहनें आपस में ऐसे लड़ती हैं जिसे देखकर पहलवानों को भी शर्म आ जाती है। दोनों बहनों के सपने एक-दूसरे से बहुत अलग होते हैं। एक का सपना टीचर बनना, तो दूसरे का खुद की डेयरी शुरू करने की है। अपने-अपने सपनों के लिए दोनों बहनों की आपस में लड़ाई बढ़ती जाती है।

देखिए ‘पटाखा’ फिल्म का ट्रेलर…

ये दोनों बहन अपने लिए अपना लव पार्टनर ढूंढनें में भी सफल साबित होती हैं, लेकिन इस दौरान फिल्म में एक ट्विस्ट आता है। इसके बाद ये दोनों बहन देवरानी-जेठानी बन जाती है। इस नए रिश्ते में ये दोनों बहन एक-दूसरे को कैसे हैंडल कर पाती हैं या नहीं। ये जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी। मूवी मीटर पर हम इस फिल्म को 60% देते हैं|

फिल्म में दोनों बहनों की लड़ाई को भारत-पाक के रिश्ते के तौर पर दिखाया गया है। वहीं, फिल्म में सुनील ग्रोवर इन बहनों के पड़ोसी बने हैं। उनका इस फिल्म में अहम रोल है। पिता का किरदार विजय राज ने बखूबी अदा किया है। विजय राज यह समझने की कोशिश करते हैं कि आखिर उनकी बेटियों के दिमाग में क्या चल रहा है। फिल्म में कलाकारों ने दमदार एक्टिंग की है। फिल्म में डायरेक्टर ने सीधी सरल कहानी के साथ गंभीर राजनीतिक मुद्दा को उठाया है।

देखिए सुनील ग्रोवर का Exclusive Interview…

कविता सिंह :विवाह के लिए 36 गुण होते हैं, ऐसा फ़िल्मों में दिखाते हैं, पर लिखने के लिए 36 गुण भी कम हैं। पर लेखन के लिए थोड़े बहुत गुण तो है हीं। बाकी उम्र के साथ-साथ आ जायेंगे।