फिल्मः फोटोग्राफ
डायरेक्टरः रितेश बत्रा
स्टारकास्टः नवाजुद्दीन सिद्दीकी, सान्या मल्होत्रा, सचिन खेड़ेकर, गीताजंलि कुलकर्णी, रोबिन दास, फारुख जफर
हिंदीरश रेटिंगः 3.5 स्टार
नवाजुद्दीन सिद्दीकी और सान्या मल्होत्रा स्टारर फिल्म ‘फोटोग्राफ’ आज रिलीज हो गई। डायरेक्टर रितेश बत्रा ने फिल्म को मुंबई में शूट किया है, जोकि उनका एक परिचित शहर है। डायलॉग और सीन देखकर लगता है कि किसी किताब की लाइनों को वर्ड टू वर्ड दिखाया गया है। यह एक पॉजिटिव चीज है। ऐसी फिल्में बहुत कम देखने को मिलती है। रितेश बत्रा ने ‘फोटोग्राफ’ में भावुकताओं को भरा हुआ है और वह एक ऐसी दुनिया की सेट करते हैं जिसमें एक उदास और अमीर लड़की-गरीब लड़के की कहानी है। फिल्म में नवाजुद्दीन सिद्दीकी रफी का किरदार निभा रहे हैं और सान्या मल्होत्रा मिलोनी का किरदार निभा रही हैं। दोनों अपने अलग-अलग क्लास से हैं और अपनी-अपनी लाइफ से दुखी होते हैं। वह अपनी इस लाइफ को छोड़ना चाहते हैं। रफी और मिलोनी की अचानक मुलाकात होती है। दोनों को पता चलता है कि उनके बीच कई समानताएं भी हैं। दोनों अक्सर मिलते हैं अपने बचपन की यादों को ताजा करते हैं, बीच-बीच में खामोश रहते हैं और दोनों के चेहरे पर शांत भाव दिखता है।
रफी एक फोटोग्राफर
फिल्म में रफी एक सड़कों पर घूमने वाला फोटोग्राफर है जोकि गेटवे ऑफ इंडिया के पास लोगों की फोटो खींचने का काम करता है। यहीं पर रफी की मुलाकात मिलोनी से होती है। एक अमीर और गरीब का मिलन होता है। मिलोनी गेट ऑफ इंडिया के पास से गुजर रही है और फोटोग्राफर रवि उसे फोटो खिंचवाने के लिए खास अंदाज में कहता है,’फोटो खिंचवा लो मैडम सालों बाद जब आप ये फोटो देखोगी तो, आप के चेहरे पर यही धूप, आपके बालों में यह हवा और आपके कानों में हजारों लोगों की ये आवाजें,हमेशा के लिए सब चला जाएगा।
रफी की दादी और मिलोनी
वहीं, दूसरी तरफ नवाजुद्दीन सिद्दीकी की बीमार दादी बहु की तलाश में अपनी दवाइयां खाना बंद कर देती हैं। जिसका पूरा मोहल्ले में पता चल जाता है। वह एक शर्मीली अजनबी लड़की को अपनी मंगेतर के रूप में अपनी दादी के सामने पेश करने के लिए मना लेता है। अपनी दादी को पत्र लिखकर बताते हैं कि उनकी बहु मिल गई है। इस दौरान नवाजुद्दीन सिद्दीकी को सानया मल्होत्रा से प्यार हो जाता है। सान्या मल्होत्रा को ट्रेलर में एक निराश लड़की दिखाया गया है। जब वह अपनी फोटो देखती हैं तो उनकी फोटो उनसे ज्यादा खुश नजर आती है। वो यही बात नवाजुद्दीन सिद्दीकी को बताती हैं। नवाजुद्दीन सिद्दीकी बाद में सानया मल्होत्रा को अपनी दादी से मिलवाते हैं और तीनों मुंबई में घूमते हैं। उनकी दादी उन्हें खुश रहने के लिए कहती है। पूरी फिल्म इसी ताने-बाने पर बनी हुई है।
धर्म और आर्थिक बंधनों को तोड़ते संबंध
फिल्म में धर्म और अन्य सामाजिक-आर्थिक बाधाओं को तोड़ते हुए दिखाया गया है। रितेश बत्रा ने फिल्म की कहानी को बखूबी लिखा है। फिल्म में सान्या मल्होत्रा के परफॉर्मेंस देखने लायक है। उनके चेहरे पर आते शांति, उदासी और घबराहट उनका किरादर से काफी करीबी संबंध दिखाता है। वहीं, नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने का बहुत ही शांत स्वभाव और उनकी आंखों में कई उम्मीदें दिखाई देती हैं। हम आखिरी सीन तक यही समझने में रह जाते हैं कि ये इन दोनों की मुलाकात प्यार में तब्दील हो सकती है। रितेश बत्रा आखिरी सीन में सबको हैरान कर देते हैं। सही मायने में कुछ कहानियां कहीं जाने के लिए नहीं होती हैं। खैर क्या हुआ अंत में इसे देखने के लिए आपको सिनेमाघरों का रुख करना चाहिए।
ये कहते हैं फिल्म क्रिटीक
फिल्म क्रिटीक राजा सेन ने हिंदुस्तान टाइम्स के लिए फिल्म फोटोग्राफ को 4.5 स्टार दिए हैं और फिल्म को पोएट्री बताया है। उन्होंने कहा कि फिल्म हल्के चमत्कार में विश्वास दिखाती है और यह एक सपनों के शहर को लव लेटर लिखने जैसा है। वहीं फिल्म क्रिटीक रेणुका व्यावहारे ने टाइम्स ऑफ इंडिया के लिए किए गए रिव्यू में फिल्म को 3 स्टार दिए हैं और कहा है कि ‘फोटोग्राफ’ सही नहीं है, लेकिन यह आपको बांधे रखती है और पुराने समय में वापस ले जाती है। फिल्म में भावनाओं, नॉस्टेल्जिया, बचपन और छोटी-छोटी बातों से खुशी मिलने का प्रतीक दिखाती है।
यहां देखिए फिल्म फोटोग्राफ का ट्रेलर..