The Family Man Review: फैमिली और जॉब के बीच फंसे दिखे मनोज बाजपेयी, दिखा कमजोर डायरेक्शन

मनोज बाजपेयी और प्रियामणी स्टारर वेब सीरिज द फैमिली मैन (The Family Man Review) की स्ट्रीमिंग शुरू हो गई है। इसमें मनोज बाजपेयी एक खुफिया एजेंसी एनआईए के एक अधिकारी का किरदार निभा रहे हैं, जबकि प्रियामणि उनकी पत्नी प्रिया मणि का किरदार निभा रही हैं।

द फैमिली मैन के एक सीन में मनोज बाजपेयी।( फोटोः यूट्यूब स्टिल)

फिल्मः द फैमिली मैन
निर्देशकः राज एंड डीके
कलाकारः मनोज बाजपेयी, प्रियामणि, शरिब हाशमी, गुल पनाग, श्रेया धनंवतरी

द फैमिली मैन आज अमेजन पर स्ट्रीम हो चुकी है। यह वेबसीरिज कई वास्तविक घटनाओं से प्रेरित है। इसके पहले एपिसोड का अंत एक गैर जरूरी न्यूजपेपर की क्लिपिंग से होता है जिसमें इस्लामिक चरमपंथ, हिंदू राष्ट्रवाद, गौरक्षक, मॉब लिंचिंग, आर्थिक व्यवस्था और सत्ता का दुर्पयोग दिखाए जाते हैं। इसकी कहानी का पहला पार्ट जम्मू-कश्मीर में विद्रोह और हाल इस पर हाल ही में लिए गए पॉलिटिकल डिसिजन को दिखाया गया है। सीरिज के पहले दोनों एपिसोड इसकी गति, नैरेटिव और किरदार अपनी छाप छोड़ने में असफल साबित होते हैं।

तीसरा एपिसोड थोड़ा बेहतरीन होता है, लेकिन अगले सभी एपिसोड में यह समस्या बरकरार रहती है। सातवें एपिसोड तक मजबूत नहीं लगते। इनमें इमोशन नहीं है। इसका डायरेक्शन या एडिटिंग काफी जल्दबाजी में किया गया है। ऐसा लगता है कि एक्टर ने से जल्दी-जल्दी कुछ भी डायलॉग बुलवा लिए गए हैं। हैरानी की बात है कि इसके मेकर्स एक्टर का सही फायदा नहीं उठा पाए। इसके मेकर्स राज निदिमोरु और कृष्णा डीके ने इसके प्रोड्यूसर, डायरेक्टर और को-राइटर हैं। डीके ने इसमें कैमियो भी किया है। राज और डीके ने अपने करियर में काफी सीमित काम किया है। इन दोनों की सबसे सक्सेसफुल फिल्म हॉरर कॉमेडी स्त्री थी। इस फिल्म को उन्होंने डायरेक्ट नहीं किया था। जबकि द फैमिली मैन को उनके फिल्मोग्राफी का पैटर्न है, लेकिन इसमें बहुत कुछ छोड़ दिया गया।

नौकरी और परिवार के बीच फंसे दिखे मनोज बाजपेयी

मनोज बाजपेयी एक सरकारी एजेंट श्रीकांत तिवारी का किरदार निभा रहे हैं, जोकि एनआईए की थ्रेट एनालिसिस और सर्विलांस सेल में काम करते हैं, जो आतंकवाद को रोकने का काम करते हैं। इसमें उनकी पत्नी सुचित्रा तिवारी का किरदार प्रियामणि निभा रही हैं और उनके दो बच्चे भी हैं। श्रीकांत तिवारी ऑफिस और घर के बीच भी फंसा सा हुआ सा महसूस करता है। इसमें भी आम परिवार की तरह पति-पत्नी के झगड़े, बच्चों की शैतानियां सहित कई घरेलू मुद्दे दिखाए गए हैं। इसमें सुचित्रा तिवारी की लाइफ को भी दिखा गया है। वह एक ही कॉलेज में पिछले 9 साल से पढ़ा रही है। वह बच्चों को भी ध्यान रखती हैं और अपने पति को फटकारती भी है।

मनोज बाजपेयी सहित सभी कास्ट का अच्छा परफॉर्मेंस

कुल मिलाकर श्रीकांत इसमें कहीं से भी फैमिली मैन नहीं लगता है। इसके बारे में ज्यादा बताकर हम आपको स्पॉइलर्स नहीं देना चाहते हैं। बतौर एक्टर मनोज बाजपेयी और प्रियामणि ने बहुत ही अच्छा काम किया है। इसकी कहानी में आपको बीच-बीच में हंसी भी आएगी। फिल्म में कई सारे सोशल और पॉलिटिकल मुद्दे दिखाए गए हैं। हालांकि इस वेबसीरिज को और भी बेहतर बनाया जा सकता था।

यहां देखिए, मनोज बाजपेयी ने इस वजह से किया डिजिटल डेब्यू…

रमेश कुमार :जाकिर हुसैन कॉलेज (डीयू) से बीए (हॉनर्स) पॉलिटिकल साइंस में डिग्री लेने के बाद रामजस कॉलेज में दाखिला लिया और डिपार्टमेंट ऑफ पॉलिटकल साइंस में पढ़ाई की। इसके बाद आईआईएमसी दिल्ली।