द ताशकंद फाइल्स फिल्म रिव्यूः लाल बहादुर शास्त्री की रहस्यमय मौत पर बनी यह मूवी निराश करती है, जानिए क्यों?

देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की मौत पर बनी फिल्म 'द ताशकंद फाइल्स' ट्रेलर लॉन्च के समय से विवादों में घिरी रही। आज यह फिल्म रिलीज हो रही है। कैसी है फिल्म जानने के लिए पढ़ें, 'द ताशकंद फाइल्स' फिल्म का रिव्यू।

'द ताशकंद फाइल्स' फिल्म पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की मौत पर आधारित है। (फोटो- इंस्टाग्राम)

फिल्म का नाम- द ताशकंद फाइल्स

कास्ट- श्वेता बासु प्रसाद, नसीरुद्दीन शाह, मंदिरा बेदी, मिथुन चक्रवर्ती, पल्लवी जोशी, पंकज त्रिपाठी और विनय पाठक।

डायरेक्टर- विवेक अग्निहोत्री।

फिल्म टाइप- ड्रामा, मिस्ट्री, थ्रिलर।

अवधि- 2 घंटा 14 मिनट।

रेटिंग- 1.5 स्टार।

भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के बाद लाल बहादुर शास्त्री को देश का प्रधानमंत्री बनाया गया था। लाल बहादुर शास्त्री ने ही ‘जय जवान जय किसान’ का लोकप्रिय नारा दिया था। 11 जनवरी, 1966 को पूर्व पीएम की ताशकंद में रहस्यमय हालात में मौत हो गई थी। आधिकारिक तौर पर बताया गया था कि शास्त्री जी मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई थी, लेकिन आज भी कई लोग उनकी मौत को रहस्य मानते हैं। फिल्ममेकर विवेक अग्निहोत्री ने पूर्व पीएम की मौत पर सवाल खड़े करती एक फिल्म बनाई है, जिसका नाम ‘द ताशकंद फाइल्स’ है। फिल्म देखने से पहले जानिए कि आखिर कैसी है यह फिल्म।

फिल्म में श्वेता बासु प्रसाद ने रागिनी फूले नाम की पत्रकार का किरदार निभाया है। वह पूर्व पीएम लाल बहादुर शास्त्री की मौत का रहस्य जानना चाहती है। इसके लिए वह तत्कालीन नेताओं और पत्रकारों से बात करती है और पूर्व पीएम की मौत से जुड़े उनके पुराने इंटरव्यू देखती है। फिल्म में रागिनी को शास्त्री जी के परिवार से भी बात करते हुए दिखाया गया है।

भ्रष्ट नेता के किरदार में हैं मिथुन चक्रवर्ती

फिल्म में मिथुन चक्रवर्ती (श्याम त्रिपाठी) एक भ्रष्ट नेता के किरदार में हैं। फिल्म के डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री पल्लवी जोशी, मंदिरा बेदी, पंकज त्रिपाठी, नसीरुद्दीन शाह और विनय पाठक जैसे मंझे हुए अभिनेताओं का ठीक ढंग से इस्तेमाल नहीं कर पाए। फिल्म में श्वेता बासु प्रसाद और मिथुन चक्रवर्ती के कैरेक्टर्स को बहुत चीख-पुकार करते हुए दिखाया गया है। डायलॉग्स के मामले में भी यह फिल्म फिसड्डी साबित होती है।

तत्कालीन सरकार के नेताओं पर सवाल उठाती है फिल्म

फिल्म की कहानी उन पुराने फैक्ट्स को लेकर बनाई गई है जिन्हें आपने पहले भी पढ़ा और सुना होगा। फिल्म का स्क्रीनप्ले भी काफी कमजोर है। कुल मिलाकर विवेक अग्निहोत्री ने लाल बहादुर शास्त्री की रहस्यमय मौत को लेकर पढ़ी-सुनी बातों को रुपहले पर्दे पर दिखाने की नाकाम कोशिश की है। हां, यह फिल्म तत्कलीन सरकार के नेताओं पर जरूर सवालिया निशान लगाती है। हिंदी रश डॉट कॉम की ओर से इस फिल्म को दिए जाते हैं 1.5 स्टार।

11 जनवरी, 1966 को ताशकंद में हुई थी पूर्व पीएम की मौत

बताते चलें कि पूर्व पीएम लाल बहादुर शास्त्री ने 10 जनवरी, 1966 को ताशकंद में पाकिस्तान के साथ शांति समझौते पर होने वाले करार पर दस्तखत किए थे। अगले दिन यानी 11 जनवरी, 1966 को उनकी मौत हो गई। कहा गया कि हार्ट अटैक की वजह से शास्त्री जी की मौत हुई थी, लेकिन उनकी मौत पर विपक्षी नेताओं ने सवाल खड़े किए थे और लाल बहादुर शास्त्री की मौत की जांच की मांग की थी।

पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने की थी न्यायिक जांच की मांग

पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने भी शास्त्री जी की मौत का सच सामने लाने के लिए न्यायिक जांच की मांग की थी, लेकिन केंद्र सरकार द्वारा इस मांग को ठुकरा दिया गया था। लाल बहादुर शास्त्री की मौत का रहस्य आज भी बरकरार है। क्या उनकी मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई थी या फिर शास्त्री जी को जहर दिया गया था। पूर्व पीएम की मौत देश और उनके परिवार के लिए आज भी रहस्य बनी हुई है।

देखिए फिल्म ‘द ताशकंद फाइल्स’ का ट्रेलर…

राहुल सिंह :उत्तराखंड के छोटे से शहर हल्द्वानी से ताल्लुक रखता हूं। वैसे लिखने को बहुत कुछ है अपने बारे में, लेकिन यहां शब्दों की सीमा तय है। पत्रकारिता का छात्र रहा हूं। सीख रहा हूं और हमेशा सीखता रहूंगा।