कलाकार- अमिताभ बच्चन, आमिर खान, कैटरीना कैफ, फातिमा सना शेख
निर्देशक- विजय कृष्ण आचार्य
मूवी टाइप- एक्शन,अडवेंचर
अवधि- 2 घंटा 44 मिनट
रेटिंग- 2.5/5
‘धोखा स्वभाव है’ फिल्म का डायलॉग इतना असल हो जाएगा, किसीको यकीन नहीं हो रहा। 1795 के दौर की कहानी ‘ठग्स ऑफ हिंदुस्तान’ अंग्रेजों की ठगी बताती है। जो बची-खुची रियायतों को भी हड़पने की कोशिश करते हैं। खुदाबख्श आजाद की भूमिका में अमिताभ बच्चन, फिरंगी मल्लाह की भूमिका में आमिर खान, जाफिरा बेग के रोल में फातिमा सना शेख और सुरैया बनी कैटरीना कैफ ने दर्शकों का दिल तोड़ दिया है। पोस्टर और ट्रेलर में कमाल दिखाते ये कैरेक्टर पर्दे पर कामयाब नहीं दिखते हैं। दुर्भाग्यवश आमिर खान भी फिरंगी बनकर दर्शकों का दिल जीतने में कामयाब नहीं रहे। सुरैया बनकर कैटरीना ने दिल बहलाया पर सुपरस्टार्स की फिकी एक्टिंग दम तोड़ती दिखी।
फिरंगी मल्लाह बने आमिर खान के दोस्त जिशान पूछता है, महान या कमीना तो उस पर थोड़ी देर बाद जवाब मिलता है ‘महान कमीना’। ये शब्द फिरंगी के कैरेक्टर को बयां करता है। वैसे ‘धोखा स्वभाव है’ ये लाइन भी फिट बैठती है। फर्स्ट हाफ में खुदाबख्श आजाद अमिताभ बच्चन के स्टंट दर्शकों को बांधे रखते हैं। तो वहीं फिरंगी के रोल के कारण प्लॉट बिगड़ती दिख रही है। डायरेक्श की कमी या स्क्रीप्ट की गड़बड़ी, फिल्म पहले हाफ में ही बिखरती दिख रही है। हो ना हो दर्शक ‘महान कमीना’, ‘धोखा स्वभाव है’… दो लाइनों का असल अनुभव तो कर ही रहे होंगे।
ठगी की कहानी में रियासत रौनकपुर को अंग्रेज कमांडर जॉन क्लाइव धोखे से हड़प लेता है। तब शुरू होती है अत्याचार की कहानी। वहां के नवाब मिर्जा सिकंदर बेग बनें रोनित रॉय के परिवार को अंग्रेज मार देते हैं, लेकिन उसकी बेटी जफीरा बनीं फातिमा सना शेख को राज का वफादार खुदाबख्श आजाद (अमिताभ बच्चन) किसी तरह बचा कर निकल लेता है। खुदाबख्श आजाद करीब एक दशक तक छिप कर लोगों को इकट्ठा करता है और फिर शुरू होती है अंग्रेजों के खिलाफ गुरिल्ला युद्ध। इस जंग में जफीरा भी अपने परिवार का बदला लेने के लिए आजाद के साथ है।
#OneWordReview…#ThugsOfHindostan: DISAPPOINTING.
Rating: ⭐️⭐️
All that glitters is NOT gold… Holds true for #TOH… Some engrossing moments in the first hour, that’s about it… Formula-ridden plot, screenplay of convenience, shoddy direction are the main culprits… 👎👎👎— taran adarsh (@taran_adarsh) November 8, 2018
आजाद की ताकत को देखकर अंग्रेजी हुकूमत घबरा जाती है। अंग्रेज उसे उसी के अंदाज में मात देने के लिए किसी शातिर आदमी को तलाशते हैं। उनकी तलाश फिरंगी मल्लाह से मुलाकात होती है। फिरंगी अवध का रहने वाला एक छोटा ठग है। वह अंग्रेजों के लिए ठगों को पकड़वाता है। वहीं सुरैया एक नाचने वाली है। फिरंगी उसका आशिक रहता है। इसके बाद अंग्रेजों की योजना के मुताबिक फिरंगी ठगों की सेना को भेदे देने का काम करता है। लेकिन यहां पर वह दोनों को कैसे हैंडल करता है। यह देखने के लिए आपको सिनेमाघर जाना चाहिए।
आमिर को छोड़कर बाकि कलाकारों के एक्टिंग की कोई शिकायत नहीं मिल रही है। दर्शक आमिर से नाराज हैं। 350 करोड़ की यह फिल्म शुरुआत में ही पीटती दिख रही है। फिल्म 100 करोड़ की भले ही कमाई कर ले लेकिन दो सुपरस्टार के साथ इस कमाई का कोई मतलब नहीं है। फिलहाल पब्लिक रिव्यू को देखकर लग रहा है कि फिल्म बुरी तरह मार खाने वाली है। रेटिंग की बात करें तो उस आधार पर फिल्म देखने के लिए रिस्क लेना जोखिम भरा हो सकता है। हां, यदि आप अमिताभ और आमिर के पक्के वाले फैंस हैं तो फिर आंख बंदकर फिल्म देखने जा सकते हैं।