नोटबुक मूवी रिव्यू: कश्मीरी पृष्ठभूमि में दिखी शानदार लव स्टोरी, जहीर इकबाल-प्रनूतन बहल की दमदार एक्टिंग

सलमान खान के प्रोडक्शन हाउस में बनी फिल्म नोटबुक कल देशभर में रिलीज हो जाएगी। हम जानते हैं कि आप इस फिल्म को देखने का मन बना रहे हैं। इस फिल्म को देखने के लिए आप थियेटर तक पहुंचे उससे पहले इस फिल्म के रिव्यू पर भी नजर डाल लीजिए।

सलमान खान के प्रोडक्शन हाउस में बनी फिल्म नोटबुक का पोस्टर (फोटो इंस्टाग्राम)

फिल्म – नोटबुक 
स्टार कास्ट – जहीर इकबाल और प्रनूतन बहल
निर्देशक – नितिन कक्कड़
हिंदी रश स्टार – 3
निर्माता – सलमान खान, मुराद खेतानी, अश्विन वर्दे

कहानी

फिल्म की कहानी कश्मीर के वूलर पब्लिक स्कूल की है जिसकी टीचर कभी फिरदौस (प्रनुतन बहल) होती हैं तो कभी कबीर (जहीर इकबाल। ये स्कूल झील के बिलकुल बीच में बनाया गया है जिसमें सिर्फ़ 7 विद्यार्थी पढ़ते हैं। स्कूल में ना बिजली है, ना पानी है और ना ही मोबाइल का नेटवर्क। बच्चों की कॉपी किताबों के साथ- साथ स्कूल में एक नोट्बुक भी है जिसके ज़रिए फिरदौस और कबीर को एक दूसरे से प्यार हो जाता है। मज़े की बात ये है कि फिरदौस और कबीर ने कभी एक दूसरे को देखा तक नहीं है। फ़िल्म के अंत में फिरदौस और कबीर मिल पाते हैं या नहीं जानने के लिए आपको थिएटर में जाना होगा ।

सलमान खान आपका धन्यवाद

सबसे पहले हम सलमान खान को बधाई देते हैं क्योंकि उन्होंने बहुत बेहतरीन कहानी पर फ़िल्म बनाई है । नोटबुक फ़िल्म ना केवल दिल को छूती है बल्कि एक बहुत ही बड़ा संदेश भी देती है। एक बात और.. इस बार सलमान खान ने प्रनुतन और जहीर इकबाल को बॉलीवुड डेब्यू कराकर दिमाग़ वाला काम किया है।

नोटबुक का संदेश बिलकुल साफ है

कश्मीर की समस्याओं पर कई फ़िल्में बनाई गई है । नोटबुक फ़िल्म कश्मीर में रहने वाले उन लोगों के लिए है जो अपने बच्चों के हाथों से किताबें छिन कर उनके हाथ में हथियार पकड़ा देते हैं।

प्रनुतन और जहीर ने वाक़ई में की है कड़ी मेहनत

प्रनुतन पर इस बात को लेकर दबाव था कि वे दिवंगत अभिनेत्री नूतन की पोती हैं इसलिए उन्हें अच्छा ही परफॉर्म करना होगा। सही मायने में हम कहें तो नूतन की एक्टिंग क़ाबिले तारीफ़ है । ज़हीर इक़बाल ने भी बेहतरीन एक्टिंग की है। एक्शन सीन में भी गजब लग रहे थे। दोनो ही कलाकारों ने दर्शकों को अपनी तरफ़ प्रभावित किया है। फ़िल्म में अभिनय कर रहे बच्चों ने भी ख़ूब हँसाया।

नितिन कक्कड का निर्देशन कमाल का है

फ़िल्मिस्तान और मित्रों जैसी फ़िल्मों का निर्देशन कर चुके नितिन कक्कड ने नोटबुक से सभी को चौका दिया है। बहुत शानदार तरीक़े से फ़िल्म को बूना है। उम्मीद है कि अपनी इस पकड़ को वे बरकरार रखेंगे ।

नोटबुक कोई लव स्टोरी नहीं है

ये फिल्म दूसरी फिल्मों की तरह कोई लव स्टोरी वाली फ़िल्म नहीं है। इस फ़िल्म में शिक्षा पर ज्यादा ज़ोर दिया गया है। कश्मीरी बच्चों को आतंक के अंधेरे में धकेले जाने से रोकने का संदेश ये फिल्म देती है।

हिंदी रश इस फ़िल्म को 3 स्टार देता है।

एक्सक्लूसिव वीडियो में देंखे प्रनुतन बहल और जहीर इकबाल का विस्पर चैलेन्ज

धर्मेंद्र दुबे :मेरा नाम धर्मेंद्र दुबे है। फिल्म जगत की खबरें आप तक पहुंचना मेरा काम है। अजय देवगन ने मेरे लिए कहा था, 'तुम एक अच्छे पत्रकार ही नहीं बल्कि एक अच्छे इंसान भी हो'।