कॉलेज के बाद मैं काफी क्लूलेस था। मैं मर जाता अगर मुझे एक टेबल पर बैठ कर 9-5 की जॉब करनी होती तो। फ़िल्मों में हर दिन कुछ नया होता है, ये मुझे पसंद है।
क्रिकेट मेरे नस नस में है! सिर्फ मेरे पिता मंसूर अली खान ही नहीं मेरे दादाजी भी क्रिकेटर रहे हैं। यह मेरे लिए एक धर्म की तरह है। मैं शायद इसलिए नहीं खेल पाया क्यूंकि मुझमें एकाग्रता की कमी थी शायद!
मुझे मेरा पहला ऑडिशन याद है। यश चोपड़ा जी ने मुझे एक लाइन दी थी जिसे आदित्य चोपड़ा ने पकड़ रखा था और मुझे बस पढ़ना था और मैं वो भी नहीं कर पाया था।
करियर में उतार चढ़ाव हमेशा रहे हैं मैंने बहुत ही कम समय ऐसा महसूस किया कि मैं स्टार हूं। मुझे अक्सर यही लगता था कि ठीक है, मैं एक एक्टर हूं।
जब बहुत ही लो फेज आता है तो आपको पता नहीं कहीं से तो, वो एनर्जी लानी होती है। मैं अपने आपको लकी मानता हूं कि मेरे पास फ़िल्में थीं और मैं धीरे धीरे आगे बढ़ा।
लोगों ने मुझे कहा है कि मैं हीरो जैसा नहीं दिखता जैसे अक्षय कुमार दिखता है। मैं लड़की जैसा दीखता था, बड़े बाल और बॉडी भी इतनी अच्छी नहीं थी।
मुझे मेरी आवाज़ और इंग्लिश एक्सेंट के लिए भी कहा जाता था जो सही नहीं थी। मैंने इसपर काम भी किया। लेकिन, मुझे लगता है कि मैंने स्लो लर्नर रहा हूं।
लेकिन लोगों की इस बात का मुझपर कभी कोई असर नहीं हुआ। मुझे हमेशा लगता था कि मैं बेस्ट हूं। पर, हां धीरे धीरे मैंने सब सीख ही लिया।
हां, मैं दिल चाहता है को लेकर थोडा सोच रहा था। उस समय आमिर खान ने कहा कि तुम और कौनसी फ़िल्में कर रहे हों। जब मैंने अपनी फ़िल्मों के बारे में बताया तो उन्होंने कहा कि दिल चाहता है इन सबसे दस गुना ज्यादा बड़ी होगी!
हालांकि, जब मैंने फरहान को कहा था कि अगर आमिर होगा तो ही मैं दिल चाहता है करूंगा तो वो थोडा नाराज़ हो गए थे। मैं श्योर था कि अगर आमिर ये फ़िल्म करेगा तो ये अच्छी होगी।
कपूर एंड सन्स और जॉली एल एल बी 2 ना करने का मुझे पछतावा है। अब लगता है कि क्यूं मिस की मैंने ये फ़िल्म। मेरी पत्नी करीना ने कहा था शकुन बत्रा के साथ काम करना पर मैंने नहीं किया।
एक समय था जब लोगों ने मेरे साथ बहुत बुरा बर्ताव किया। लेकिन अब मैं उनके बारे में नहीं सोचता, मुझे लगता है मेरे पास बहुत कुछ है और लोगों के पास और भी कई तकलीफें हैं, तो मैं ख़ुश हूं।
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