अनुराग के दोस्त सुनीत सिन्हा ने उन्हने दिल्ली में 'जन नाट्य मंच' से जुड़ने की सलाह दी और थिएटर में एक्टिंग करने की बात कही। इसके बाद उन्हें स्ट्रीट प्ले करने का मौका मिला।
अनुराग कश्यप ने एक इंटरव्यू में बताया कि कॉलेज में लड़कियों की वजह से उनका दिमाग पढ़ाई से भटक गया था। वे लड़कियों को आकर्षित करने के लिए हेयरस्टाइल संवारने लगे और रंग-बिरंगे कपड़े पहनने लग गए।
अनुराग लड़कियों को आकर्षित करने के लिए किसी ब्रांड के सेकंड हैंड जूते तक खरीदने के लिए पैसों की जुगाड़ तक करते थे। सिर्फ इसलिए कि लड़की हमसे बात कर ले।
अनुराग कश्यप की पढ़ाई कई शहरों से हुई है। उन्होंने देहरादून के ग्रीन स्कूल और ग्वालियर के सिंधिया स्कूल से पढ़ाई की और इसके बाद दिल्ली के हंसराज कॉलेज में जूलॉजी (जीव विज्ञान) से ग्रैजुएशन किया।
अनुराग बताते हैं कि उनका अंग्रेजी में हाथ काफी तंग था। जिसके चलते वे सिंधिया स्कूल में अपने क्लासमेट्स या बैचमेट्स से दूर-दूर रहते थे। काफी समय लाइब्रेरी में हिंदी किताबें पढ़ते हुए बिताते थे। कॉलेज में जब यही दिक्कत आई तो उन्होंने अंग्रेजी किताबें पढ़ना शुरू कर दीं।
अनुराग कश्यप जब दिल्ली में पढ़ाई कर रहे थे उस वक्त इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल हुआ। इसमें Vittorio De Sica की Bicycle Thieves फिल्म से अनुराग काफी प्रभावित हुए। इसके कुछ समय बाद ही अनुराग कश्यप ने मुंबई का रुख किया।
डायरेक्टर के रूप में अनुराग कश्यप ने अपनी शुरुआत फिल्म 'पांच' से की थी। हालांकि, यह फिल्म आज तक बड़े पर्दे पर रिलीज नहीं हो पाई।
2012 में आई हिट फिल्म 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' से अनुराग कश्यप को पहचान मिली। अनुराग लीक से हटकर फ़िल्में बनाने में रूचि रखते हैं। उन्होंने 'गुलाल', बॉम्बे टॉकीज, 'अग्ली', 'रमन राघव 2.0' जैसी कई हिट फिल्में दी हैं।
अनुराग अक्सर सामाजिक मुद्दों पर बेबाकी से राय रखते हैं। अनुराग ने हाल ही में अपना ट्विटर अकाउंट डिलीट कर दिया। उन्होंने अपने परिवार की चिंता का हवाला देते हुए ऐसा कदम उठाया।
अनुराग कश्यप की लाइफ में एक समय ऐसा भी आया जब उन्हने फेमस हबीब तनवीर के ग्रुप से जुड़ने के लिए भारी मशक्कत करनी पड़ी। इसके लिए अनुराग ने श्रीराम सेंटर पर नाटक के टिकट तक बेचे।
बॉलीवुड की ऐसी ही मजेदार और चटपटी खबरों को जानने के लिए यहाँ क्लिक करें!