शाहिद कपूर ने एक इंटरव्यू में बताया कि करियर के शुरुआती समय में उन्हें कई बार रिजेक्शन झेलना पड़ा था।
शाहिदकी माने तो उन्हें 100 बार फिल्म रोल के लिए मना किया गया था। उन्होंने ऑडिशन कई दिए, लेकिन हमेशा असफलता हाथ लगी। इसके पीछे वजह कोई भी रही हो, लेकिन शाहिद को बड़े पर्दे पर आने का मौका नहीं मिल रहा था।
शाहिद कपूर के लिए सिर्फ मुसीबत ये नहीं थी कि उनके पास फिल्म ऑफर नहीं आ रहे थे, दिक्कत तो ये भी थी कि एक्टर अपने के लिए खाने का भी इंतजाम नहीं कर पा रहे थे। वे ऑडिशन का किराया देने में भी असमर्थ थे।
कहने को शाहिद कपूर एक्टर-डायरेक्टर पकंज कपूर के बेटे हैं, लेकिन उन्हें उनके नाम की वजह से कभी भी काम नहीं मिला। ऐसा देखने को नहीं मिला कि क्योंकि वे पकंज कपूर के बेटे हैं, इसलिए उन्हें स्ट्रगल नहीं करना पड़ेगा और सीधे उनकी हाथ बड़ी फिल्म लग जाए।
शाहिद कपूर ने खुद भी कभी अपने पिता के नाम का इस्तेमाल नहीं किया, बल्कि उन्होंने संघर्ष किया और सिर्फ अपने टैलेंट पर भरोसा जताया।
शाहिद कपूर को करियर के शुरुआत में उनके टैलेंट की वजह से टीवी एड्स में तो काम मिलने लगा, लेकिन फिल्मों का सफर फिर भी दूर रहा। एक्टर ने कुछ समय तक यूं ही टीवी एड्स और एक बैक डांसर के तौर पर काम किया, फिर 2003 में उन्हें उनके धैर्य का फल मिला।
शाहिद कपूर को उनकी पहली फिल्म 'इश्क-विश्क' में काम करने का मौका मिल गया। उस फिल्म ने शाहिद की जिंदगी बदलकर रख दी। एक्टर को अपनी फिल्म के लिए फिल्मफेयर अवॉर्ड मिल गया और बॉक्स ऑफिस पर भी परफॉर्मेंस शानदार रहा।
पहली फिल्म 'इश्क-विश्क' के बाद शाहिद कपूर ने अमृता राव संग 'विवाह' जैसी बेहद सफल फिल्म में दी। इस फिल्म में उनकी एक्टिंग को काफी सराहा गया। इसके बाद बतौर स्टार एक्टर की पहचान बन गई।
शाहिद कपूर कहने को फ्लॉप फिल्में भी करते हैं, लेकिन इस इंडस्ट्री में उनका एक स्टैंडर्ड बन गया है। उन्हें भी पता है कि उनके पास अच्छी फिल्मों की कमी नहीं है और वे कभी भी आसानी से मजबूत कमबैक कर सकते हैं।
शाहिद कपूर के अबतक के फ़िल्मी करियर में 'कबीर सिंह' सबसे सफल फिल्म रही है। इस फिल्म ने कमाई के मामले में कई बड़े रिकॉर्ड भी तोड़े। आज शाहिद कपूर बड़ा नाम हैं।
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