जावेद अख्तर का असली नाम जादू है। उनके पिता की कविता पर उनका नाम रखा गया था। उनके पिता 'लम्हा-लम्हा किसी जादू' का फसाना होगा पर उनका नाम पड़ा था।
जावेद अख्तर 4 अक्टूबर 1964 को मुंबई आ गए थे। उस समय उनके पास पैसे नहीं थे। वह कई दिनों तक सड़कों पर ही सोए थे।
जावेद अख्तर की पहली पत्नी हनी ईरानी थी। उनके दो बच्चे फरहान और जोया अख्तर हैं। उनकी दूसरी फिल्म हिंदी सिनेमा की अभिनेत्री शबाना आजमी हैं।
जावेद अख्तर कैफी आजमी के सहायक थे। जिसके बाद उन्होंने उन्ही की बेटी शबाना आजमी से शादी कर ली थी।
सलीम खान से जावेद अख्तर की पहली मुलाकात 'सरहदी लुटेरा' फिल्म की शूटिंग के दौरान हुई थीं। इस फिल्म में सलीम खान हीरो थे और जावेद क्लैपर बॉय।
सलीम खान और जावेद अख्तर की जोड़ी ने 70 के दशक में बॉलीवुड को कई सपुरहिट फिल्में दी। दोनों ने मिलकर 24 फिल्में लिखीं। जिनमें से 20 हिट रही थीं।
जावेद अख्तर को 5 नेशनल अवार्ड और 14 फिल्मफेयर अवार्ड्स से नवाजा गया है।
जावेद अख्तर और उनकी पहली पत्नी हनी ईरानी की शादी फिल्म 'सीता-गीता' के सेट पर हुई थी।
जावेद अख्तर कलाई में हमेशा एक कड़ा पहनते हैं। ये कड़ा उनके एक दोस्त ने विदेश जाने से पहले निशानी के रूप में दिया था। तब से लेकर अब तक जावेद अख्तर ने इसे कभी नहीं उतारा।
करियर के शुरुआती दिनो में जावेद अख्तर को काफी संघर्ष का सामना करना पड़ा। वो एक दफा स्क्रिप्ट लेकर किसी प्रोड्यूसर के पास गए। प्रोड्यूसर को उनकी लेखनी इतनी बुरी लगी कि उस प्रोड्यूसर ने इनके मुंह पर कागज फेंक कर कहा, तुम जिंदगी में कभी लेखक नहीं बन सकते।
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