भोजपुरी सिनेमा के बड़े स्टार खेसारी लाल यादव का जीवन काफी संघर्ष से भरा रहा है। अपनी जिंदगी में एक समय खेसारी को घर चलाने के लिए लिट्टी-चोखा भी बेचना पड़ा था।
एक दशक पहले खेसारी लाल यादव अपने गृह राज्य बिहार के छपरा जिले में दूध बेचने का काम करते थे।
खेसारी खुद कई बार इंटरव्यू में अपने संघर्षों को बयां कर चुके हैं. खेसारी के मुताबिक, जब उम्र बढ़ने लगी तो वे कमाने के लिए दिल्ली चले गए और वहां पर एक धागा फैक्ट्री में काम करने लगे।
खेसारी लाल यादव को अपने गाने की वजह से एक बार तिहाड़ जेल भी जाना पड़ा था। जब उन्होंने अपने गाने में 'टेनिस वाली सानिया, दुल्हा खोजली पाकिस्तानी' शब्द यूज किया था।
'टेनिस वाली सानिया, दुल्हा खोजली पाकिस्तानी (Tennis Wali Sania Dulha Khojli Pakistani)' गाना गाया था तब सानिया मिर्जा ने उनके ऊपर मानहानि का केस दर्ज कराया था। जिसके चलते खेसारी लाल को 3 दिन तक दिल्ली के तिहाड़ जेल में रहना पड़ा।
मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जाता है कि खेसारी लाल के पास जब पैसे नहीं हुआ करते थे तब उन्हें अपने गाने रिलीज करने के लिए पत्नी के गहने-जेवरात भी बेचने पड़े।
खेसारी ने भोजपुरी फिल्म साजन चले ससुराल से अपना डेब्यू किया था। उनकी फिल्म बागी, संघर्ष और दीवानापन हिट रही थी।
मीडिया रिपोर्ट्स मुताबिक खेसारी लाला के पिता ने एक बार उन्हें 10 रुपये चुराने की वजह से घर से बाहर निकाल दिया था।
खेसारी लाल यादव का नाम विवादों से भी जुड़ा है। एक बार उन्होंने कहा था भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री उनके बिना कुछ भी नहीं है। इस बयान से जनता और इंडस्ट्री के लोग काफी भड़क गए थे और उन्होंने खेसारी की काफी निंदा की थी।
खेसारी लाल यादव को साल 2016 में भोजपुरी फिल्म अवॉर्ड्स के बेस्ट पॉपुलर एक्टर से नवाजा गया था। वहीं साल 2017 में उन्हें दादासाहेब फाल्के अकेडमी अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। 2017 में उन्हें यूपी रत्न अवॉर्ड भी मिला।
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