सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को मोदी सरकार ने उच्च शिक्षा और नौकरी में 10 फीसदी आरक्षण देने का मन बनाया और आज यह बिल राज्यसभा में भी पास हो गया। मंगलवार देर रात ये विधेयक लोकसभा में 323 मतों के साथ पास हो गया था। बिल के विरोध में तीन वोट पड़े थे। बिल पास होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्षी दलों का शुक्रिया अदा भी किया था।
बुधवार को संसद के शीतकालीन सत्र का आखिरी दिन था। यहां सिर्फ राज्यसभा की कार्यवाही चलनी थी। बुधवार को संसद के उच्च सदन में मोदी सरकार सामान्य वर्ग को 10 फीसदी आरक्षण दिए जाने संबंधी 124वां संविधान संशोधन बिल को पेश किया। मंगलवार को दिनभर की चर्चा के बाद लोकसभा में इसे पारित कर दिया गया।
राज्यसभा में बिल पास होने के बाद पीएम का ट्वीट…
बिल पास होने के बाद निचले सदन की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया था। इस बिल को राज्यसभा में पेश करने के लिए एक दिन के लिए राज्यसभा के सत्र को बढ़ाया गया था। साथ ही तीन तलाक और नागरिकता संशोधन बिल पर भी आज उच्च सदन में चर्चा हुई थी। 10 पॉइंट्स में जानें आरक्षण बिल से जुड़ी हर बात…
1- इस साल होने जा रहे लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार ने बड़ा दांव खेला है। दो दिन पहले कैबिनेट बैठक में सरकार ने सामान्य वर्ग के आर्थिक तौर पर कमजोर लोगों को शिक्षा और सरकारी नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण देने का फैसला लिया।
2- केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं सहकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने मंगलवार को लोकसभा के पटल पर बिल पेश किया। उन्होंने कहा, ‘इससे पहले जो भी आरक्षण बढ़ाने संबंधी प्रस्ताव आए थे, वह संवैधानिक प्रावधान के बगैर आए थे। लिहाजा उन विधेयकों को न्यायालय ने निरस्त कर दिया था। प्रधानमंत्री मोदी की नीति और नीयत अच्छी है।’
3- मंत्री थावरचंद गहलोत ने बिल के न्यायालय से निरस्त होने की शंका को निराधार बताते हुए पूर्व पीएम नरसिंह राव की सरकार का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि नरसिंह राव सरकार ने संवैधानिक प्रावधान के बगैर 10 फीसदी आरक्षण देने का आदेश जारी किया था। उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था। हम लोग उसी चूक से बचते हुए संविधान में प्रावधान करने के बाद सामान्य वर्ग को आरक्षण देने का काम करेंगे।
यहां देखिए पीएम मोदी का ट्वीट…
4- वित्त मंत्री अरुण जेटली ने विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि आरक्षण संबंधी यह बिल न्यायिक समीक्षा में इसलिए खरा उतरेगा क्योंकि इस विधेयक के जरिए संविधान के अनुच्छेद 14 और 15 में संशोधन किया गया है। संविधान की मूल प्रस्तावना में सभी नागरिकों के विकास के लिए समान अवसर देने की बात का जिक्र है। यह बिल देश के नागरिकों के उसी लक्ष्य को पूरा करता है।
5- सामान्य वर्ग को उच्च शिक्षा और नौकरी में 10 फीसदी आरक्षण संबंधी बिल बीती रात लोकसभा में वोटिंग के बाद पारित हुआ। बिल के समर्थन में 323 और विरोध में 3 वोट पड़े। कई पार्टी सांसदों ने वोटिंग के दौरान सदन से वॉकआउट कर लिया।
6- मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने इस बिल का खुले तौर पर विरोध तो नहीं किया, हालांकि उन्होंने मोदी सरकार की मंशा पर सवाल जरूर उठाए। कांग्रेस सांसद केवी थॉमस ने इसे सरकार का चुनावी जुमला करार देते हुए कहा कि बीजेपी ऐसा कर आम चुनाव में फायदा पाना चाहती है।
7- AIADMK, TDP, AIMIM, SP, BSP और AAP समेत कई क्षेत्रीय दलों के सांसदों ने आरक्षण बिल का विरोध किया। पार्टी सांसदों ने इस बिल को बीजेपी का चुनावी स्टंट बताया।
8- AIMIM पार्टी के अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने बिल का विरोध करते हुए कहा कि यह बाबासाहेब आंबेडकर का अपमान है। यह बिल संविधान के साथ धोखा है। संविधान में आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग को अलग वर्ग का दर्जा नहीं दिया गया है। इस बात का कोई आंकड़ा नहीं है कि सवर्ण भी पिछड़े हुए हैं।
9- सरकार इस बिल को संविधान संशोधन के तहत ला रही है। आरक्षण संबंधी 124वां संविधान संशोधन बिल लोकसभा से तो पास हो गया, लेकिन सरकार और इस बिल की असल अग्निपरीक्षा आज राज्यसभा में होगी।
10- केंद्रीय मंत्री विजय गोयल ने बुधवार को कहा कि उच्च सदन से पारित होने के लिए कई अहम बिल लंबित हैं। जरूरत पड़ी तो उच्च सदन की कार्यवाही को एक दिन के लिए और बढ़ाया जा सकता है।
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