पिता कांस्टेबल, मां ने अभी तक नहीं देखा प्लेन, लेकिन अब बेटी बनी पहली आदिवासी महिला कमर्शियल पायलट

ओडिशा पुलिस में कांस्टेबल मरिनियास लाकड़ा की पत्नी जेमायास्मीन लाकड़ा 40 की उम्र पार कर चुकीं हैं, लेकिन उन्होंने अभी तक एरोप्लेन नहीं देखा है। अब उनकी बेटी अनुप्रिया लाकड़ा (Anupriya Lakra) देश की पहली आदिवासी महिला कमर्शियल पायलट बनी हैं।

अनुप्रिया लाकड़ा इंडिगो एयरलाइन्स में बतौर को-पायलट जॉइन करेंगी। (फोटो- ANI)

इंसान को सपने देखना कभी नहीं छोड़ना चाहिए। हौसलों और मजबूत इरादों के साथ उन सपनों के पीछे भागना चाहिए। लाख मुश्किलें आएं, लेकिन पीछे नहीं हटना चाहिए। कुछ इसी फलसफे का उदाहरण हैं 23 साल की अनुप्रिया लाकड़ा (Anupriya Lakra). अनुप्रिया देश की पहली आदिवासी महिला कमर्शियल पायलट हैं। अनुप्रिया जल्द देश की प्रमुख विमानन कंपनियों में से एक ‘इंडिगो’ में बतौर पायलट जॉइन करेंगी।

ओडिशा के नक्सल प्रभावित जिले मलकानगिरि से ताल्लुक रखने वाली आदिवासी लड़की अनुप्रिया लाकड़ा का यह सफर हरगिज आसान नहीं था। पायलट बनने के जुनून ने उन्हें इंजीनियरिंग की पढ़ाई बीच में छोड़ने पर मजबूर कर दिया था। जिसके बाद कांस्टेबल पिता और गृहणी मां ने भी बेटी के सपनों को समझा और लग गए उसकी जिद को पूरा करने में। अनुप्रिया के पिता मरिनियास लाकड़ा ओडिशा पुलिस में कांस्टेबल हैं। वह बेटी के सपनों को पूरा करने का पूरा श्रेय अपनी पत्नी जेमायास्मीन लाकड़ा को देते हैं।

मरिनियास लाकड़ा ने बेटी की सफलता पर जाहिर की खुशी

मरिनियास लाकड़ा ने बेटी की सफलता पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि एक पिछड़े जिले से आने के बावजूद यह किसी भी व्यक्ति के लिए बड़ी उपलब्धि है। उनकी बेटी की कहानी दूसरी लड़कियों को प्रेरित करेगी। उन्होंने बताया कि पायलट बनने की चाह रखने के बाद अनुप्रिया ने बीच में ही इंजीनियरिंग की पढ़ाई छोड़ दी थी। जिसके बाद उसने भुवनेश्वर से ही पायलट प्रवेश परीक्षा की तैयारी की। साल 2012 में उसने पायलट ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में एडमिशन लिया।

जेमायास्मीन लाकड़ा ने अभी तक नहीं देखा एरोप्लेन

अनुप्रिया की मां जेमायास्मीन लाकड़ा ने कहा, ‘पायलट बनना मेरी बेटी का सपना था और उसने इसे पूरा किया। मैंने अपनी जिंदगी में कभी प्लेन नहीं देखा है लेकिन मैं खुश हूं कि मेरी बेटी ने अपना सपना पूरा किया।’ ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने अनुप्रिया को बधाई देते हुए कहा, ‘मैं राज्य की बेटी की कामयाबी पर बेहद खुश हूं। अनुप्रिया की सफलता कठिन मेहनत और दृढ़ विश्वास का उदाहरण है। अनुप्रिया बेटियों के लिए मिसाल बनी हैं।’

इंटरनेशनल फ्लाइट ट्रेनिंग के लिए स्पेन जाना चाहती हैं अनुप्रिया लाकड़ा

बताते चलें कि अनुप्रिया लाकड़ा को पिछले महीने कमर्शियल पायलट का लाइसेंस मिला था। फिलहाल वह इंडिगो एयरलाइन्स के साथ बतौर को-पायलट जॉइन करने वाली हैं। वह इंटरनेशनल फ्लाइट की ट्रेनिंग के लिए स्पेन जाना चाहती हैं जिसका खर्च करीब 20 लाख रुपये आएगा। उनके परिवार ने इसके लिए राज्य सरकार से आर्थिक मदद की अपील की है। उन्हें उम्मीद है कि सीएम पटनायक महिला सशक्तिकरण की दिशा में उनकी सहायता जरूर करेंगे।

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राहुल सिंह :उत्तराखंड के छोटे से शहर हल्द्वानी से ताल्लुक रखता हूं। वैसे लिखने को बहुत कुछ है अपने बारे में, लेकिन यहां शब्दों की सीमा तय है। पत्रकारिता का छात्र रहा हूं। सीख रहा हूं और हमेशा सीखता रहूंगा।