दो से ज्यादा बच्चे पैदा करने वाले सावधान! सरकार ने लिया बड़ा फैसला, ऐसे लोगों को नहीं मिलेगी सरकारी नौकरी

अगर आप इस राज्य में रहते हैं और 2 से ज्यादा बच्चे (Two Child Policy) पैदा करते हैं, तो आपको यहां कि सरकार कभी भी सरकारी नौकरी नहीं देगी। जी हां, असम सरकार ने जनसंख्या नियंत्रण के बाबत एक बड़ा कदम उठाया है।

हम दो हमारे दो का पोस्टर। (फोटोः फेसबुक)

अगर आप इस राज्य में रहते हैं और 2 से ज्यादा बच्चे (Two Child Policy) पैदा करते हैं, तो आपको यहां कि सरकार कभी भी सरकारी नौकरी नहीं देगी। जी हां, असम सरकार ने जनसंख्या नियंत्रण के बाबत एक बड़ा कदम उठाया है। यहां 2 से ज्यादा बच्चे पैदा करने वाले व्यक्ति को सरकारी नौकरी नहीं देने का निर्णय लिया गया है। यह फैसला असम कैबिनेट ने लिया है, जिसे 1 जनवरी 2021 से लागू किया जाएगा।

असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल (Sarbananda Sonowal Cabinet) की ओर से यह सूचना जारी की गई है। टू चाइल्ड पॉलिसी के तहत अगर नौकरी के दौरान आप दो से ज्यादा बच्चे करते हैं, तो सरकारी नौकरी से निकाला जा सकता है। आपको बता दें कि साल 2011 की जनगणना के हिसाब से असम की कुल आबादी 3 करोड़ 11 लाख 69 हज़ार में मुसलमानों की जनसंख्या क़रीब 1 करोड़ 67 लाख 9 हज़ार है।

जनसंख्या नियंत्रण का नियम

इस साल सितंबर 2017 में असम विधानसभा (Assam Legislative Assembly)  में जनसंख्या नियंत्रण के लिए एक नियम पारित हुआ था, जिसमें दो बच्चे रखने वालों को सरकारी नौकरी में प्राथमिकता देने का प्रावधान था। इसके साथ ही सरकारी नौकरी करने वाले स्टॉफ पर टू चाइल्ड फैमिली नॉर्म्स को सख्ती से लागू करने का जोर दिया गया था। लेकिन अब सरकार ने ये नया नियम जारी कर दिया है।

असम में न्यू लैंड पॉलिसी

इसके अलावा असम कैबिनेट ने न्यू लैंड पॉलिसी (New Land Policy) का लेकर एक बड़ा फैसला किया, जिसके तहत भूमिहीन लोगों को खेती करने के लिए तीन बीघा जमीन दी जाएगी। साथ ही आधा बीघा जमीन घर बनाने के लिए दी जाएगी। हालांकि सरकारी की ओर से दी जाने वाली इस भूमि को अगले 15 साल तक बेचा नहीं जा सकेगा। बताते चलें कि अगले कुछ वर्षों में भारत (India Population) की आबादी चीन से आगे निकल सकती है।

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रमेश कुमार :जाकिर हुसैन कॉलेज (डीयू) से बीए (हॉनर्स) पॉलिटिकल साइंस में डिग्री लेने के बाद रामजस कॉलेज में दाखिला लिया और डिपार्टमेंट ऑफ पॉलिटकल साइंस में पढ़ाई की। इसके बाद आईआईएमसी दिल्ली।