बैंकिंग सेक्टर में हाल ही में आए बड़े उथल-पुथल के बाद इस महीने के आखिर तारीख यानि 26 और 27 सितंबर को हड़ताल की धमकी दी गई है। वहीं, 28 सितंबर को महीने का चौथा शनिवार होने के कारण बैंक बंद रहेगा और रविवार को साप्ताहिक अवकाश होता है तो इस लिहाज से लगातार चार दिन बैंक बंद रहेंगे। मतलब महीने के आखिर में होने वाला काम कुछ समय के लिए स्थगित किया जाएगा। इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (आईबीए) (Indian Banks’ Association) को भेजे नोटिस में अधिकारियों की यूनियनों ने कहा कि उनका बैंकिंग क्षेत्र में विलय के खिलाफ हड़ताल पर जाने का प्रस्ताव है। जिसके कारण महीने के अंत में बैंक का काम काफी प्रभावित होगा।
क्यों हो रही है ये हड़लात
पिछले साल बैंक ऑफ बड़ौदा के साथ हुए देना बैंक और विजया बैंक के सफलतापूर्वक विलय के बाद मौजूदा वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बीते महीने यानि अगस्त महीने के अंतिम शुक्रवार 30 अगस्त को 10 अन्य सरकारी बैंकों का विलय कर चार बड़े बैंक बनाने की घोषणा की थी। जिसमें पंजाब नेशनल बैंक में ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया को मर्ज किया जाएगा। केनरा बैंक और सिंडिकेट बैंक मर्ज होंगे। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक का विलय होगा। इसी तरह इलाहाबाद बैंक और इंडियन बैंक को मर्ज किया जाएगा। इस विलय प्रक्रिया के बाद देश में सरकारी बैंकों की संख्या 27 से घटकर 12 रह जाएगी। बैंकों का विलय एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें दो या दो से अधिक बैंकों को आपस में मिलाकर एक कर दिया जाता है। बैंकों का विलय होने के बाद बने एकीकृत बैंक, या तो अपने पुराने नाम से या फिर एक नए नाम के साथ काम कर सकते हैं।
विलय के बाद खाताधारकों पर क्या असर पड़ेगा
बैंकों के विलय का सीधा असर बचत खाता, चालू खाता और अन्य तरह के खातों पर होगा। विलय की प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद इन खाताधारकों को बैंक जाकर अपनी मौजूदा पासबुक को नई पासबुक से बदलवाना होगा।
यूनियनों की मांग क्या है
ऑल इंडिया बैंक आफिसर्स कनफेडरेशन, ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन, इंडियन नेशनल बैंक ऑफिसर्स कांग्रेस और नेशनल ऑर्गेनाइजेशन ऑफ बैंक ऑफिसर्स ने संयुक्त रूप से हड़ताल का नोटिस जारी किया है। इसके अलावा बैंक में पांच दिन का सप्ताह करने और नकद लेनदेन और कार्य घंटों को कम करने की भी मांग की है। यूनियनों ने सतर्कता से संबंधित मौजूदा प्रक्रियाओं में बाहरी एजेंसियों का हस्तक्षेप रोकने, सेवानिवृत्त कर्मचारियों से संबंधित मुद्दों को सुलझाने, पर्याप्त भर्तियां करने, एनपीएस को समाप्त करने और उपभोक्ताओं के लिए सेवा शुल्क कम करने और अच्छा प्रदर्शन नहीं करने के नाम पर अधिकारियों को परेशान नहीं करने की मांग की है।
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