मोदी सरकार के फ्लोर मैनेजमेंट के धुरंधर नेता ने आज दुनिया को अलविदा कह दिया। फेफड़ों के कैंसर से पीड़ित अनंत कुमार ने बेंगलुरू में अंतिम सांस ली। इनकी कमी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर अमित शाह और बीजेपी के कई नेताओं को खटक रही है। अनंत कुमार को राजनीति का ‘रजनीकांत’ कहा जा सकता है। इन्होंने अपने राजनीति के सफर में ऐसे कृतिमान गढ़ें कि दुनिया देखती रह गई। साउथ की राजनीति में बीजेपी आने वाले 2019 में कैसे भरपाई कर पाएगी, ये कहना थोड़ा मुश्किल है। अभी तो इनके जैसा कोई दिख नहीं रहा है।
फिलहाल इतना समझ लिजिए कि कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी को किंग बनाने वाले अनंत कुमार ने ऐसे काम किए जिनके कारण अटल बिहारी वाजपेयी से लेकर तमाम नेता देखते रह गएं। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के आपातकाल का विरोध कर जेल जाने वाले अनंत कुमार जितने पीएम नरेंद्र मोदी के करीब थे, उतने ही पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के करीब थे। आखिर ऐसा क्या था इनमें खास।
अनंत कुमार का ‘अनंत’ राजनीति सफर
- अनंत कुमार का जन्म 22 जुलाई 1959 को हुआ।
- पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के आपातकाल का विरोध करने पर जेल भी गए थे।
- अनंत कुमार सबसे पहले एबीवीपी का प्रदेश सचिव और 1985 में राष्ट्रीय सचिव बने।
- 1987 में कर्नाटक बीजेपी के सचिव बने थे।
- इसके बाद 1996 में बेंगलुरु साउथ से पार्टी ने उन्हें उम्मीदवार बनाया तो खरे उतरे और चुनाव जीतकर पहली बार संसद पहुंचे थे।
- अटल बिहारी वाजेपीय के नेतृत्व में जब 1998 में पहली बार सरकार बनी तो दक्षिण भारत के कोटे से अनंत कुमार को मंत्री बनाया गया था।
- कर्नाटक में जीतने के लिए बीजेपी ने 2003 में उन्हें बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी। इसके बाद विधानसभा चुनाव में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी।
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— Ananthkumar (@AnanthKumar_BJP) October 27, 2018
- 2004 के उन्हों बीजेपी का राष्ट्रीय महासचिव की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
- इसके बाद 2004, 2009 और 2014 में छठी बार लोकसभा सदस्य चुने गए थे।
- बेंगलुरु साउथ से लगातार 6 बार जीत हासिल करने वाले पहले बीजेपी नेता थे।
- लोकसभा चुनाव 2014 और यूपी में 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी की ओर से सक्रिय रहे और कई रैलियां की थीं।
- मोदी सरकार में संसद में फ्लोर मैनेजमेंट में धुरंधर थे। इसी कारण उन्हें संसदीय कार्य मंत्री का जिम्मा दिया गया था।
- मोदी सरकार में पहले उन्हें रसायन और खाद मंत्री बनाया गया, लेकिन जुलाई 2016 में संसदीय कार्यमंत्री का जिम्मा भी सौंप दिया गया।
Heartfelt birthday wishes to Sh @amitshah ji. May he be blessed with a long & healthy life in the service of our nation.#HappyBirthydayAmitShah . pic.twitter.com/9exauwKXEl
— Ananthkumar (@AnanthKumar_BJP) October 22, 2018
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