भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने अपना दूसरा मून मिशन चंद्रयान-2 (Chandrayaan-2) 22 जुलाई को सफलतापूर्वक लॉन्च किया था। अब शुक्रवार की आधी रात को यानी करीब डेढ़ बजे से ढाई बजे के बीच चंद्रयान से निकला विक्रम लैंडर चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने से पहले ही अपना संपर्क खो दिया है। इसके बाद जहां वैज्ञानिक मायूस हो गए, वहीं पूरा देश इस ऐतिहासिक पल का गवाह बनते-बनते रह गया। इस लैंडिंग को देखने के लिए पीएम मोदी वहां मौजूद थे। उन्होंने वैज्ञानिकों से कहा कि उनपर पूरा देश गर्व करता है। सभी हिम्मत और आशा बनाये रखें। अभी भी उम्मीद कायम है। हमारी ये यात्रा आगे भी जारी रहेगी पीएम मोदी के अलावा, जनता और सेलिब्रिटी भी साइंटिस्ट का हौसला बढ़ा रहे हैं।
विक्रम लैंडर से संपर्क टूटने के बाद ISRO ने ये ट्वीट किया है…
यदि अभी भी विक्रम लैंडर से संपर्क हो जाये तो चंद्रयान-2 (Chandrayaan-2 Update) अंतरिक्ष यान चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला पहला भारतीय अभियान बन सकता है। भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के इतिहास के इस क्षण का गवाह बनने के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) बैंगलोर पहुंचे हुए थे।
इस मिशन के जरिए भारत चांद की सतह पर पानी का भी पता लगाने की कोशिश करने वाला है। आज के इस ऐतिहासिक और अद्भुत पल को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी ने सुबह एक ट्वीट करके लोगों से अपील की थी। इसमें उन्होंने सभी से चंद्रयान-2 से जुड़े खास पलों को देखने और उससे जुड़े फोटो शेयर करने की बात कही थी। वहीं, इस मिशन की उपबल्धि को लेकर प्रधानमंत्री ने कहा था कि इसकी सफलता से करोड़ों भारतीयों को लाभ होगा।
पीएम नरेंद्र मोदी अकेले नहीं, इस ऐतिहासिक पल के गवाह देश के कई छात्र-छात्राएं भी बनने गए थे। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क्विज प्रतियोगिता के जरिए देशभर से चुने गए लगभग 60-70 हाईस्कूल छात्र-छात्राओं के साथ इस लम्हे का सीधा नजारा देखने के लिए इसरो के बैंगलोर केंद्र में मौजूद थे।
आज शाम इसरो के चेयरमैन के सिवन ने इस बारे में बात करते हुए कहा था कि उनकी टीम सॉफ्ट लैंडिंग को लेकर पूरी तरह आश्वस्त हैं। उन्होंने खुशी जताई थी कि वो वहां उतरने जा रहे हैं, जहां आजतक कोई नहीं पहुंचा है और आज रात का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
गौरतलब हो कि शुक्रवार देर रात एक बजकर 10 मिनट से सॉफ्ट लैंडिंग का दूरदर्शन पर सीधा प्रसारण हुआ। इसे इसरो की वेबसाइट, यूट्यूब, फेसबुक और ट्विटर पर भी लाइव देखा गया। आपको बता दें कि चंद्रयान को रॉकेट जीएसएलवी-एमके3 से लॉन्च किया गया था। इस रॉकेट को बाहुबली भी कहा जाता है।
जिस रॉकेट से चंद्रयान 2 को चांद पर उतारा जा रहा था उसकी लंबाई 44 मीटर और वजन 640 टन का है। यह 3.4 टन के चंद्रयान को लेकर चांद पर स्मूथ लैंडिंग करने वाला था। चंद्रयान-2 को बनाने में 987 करोड़ रुपए की लागत आई है।
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