भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो (ISRO) ने आज तड़के होने वाले चंद्रयान-2 के प्रक्षेपण को तकनीकी खराबी की वजह से रोक दिया। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, चंद्रयान-2 (Chandrayaan-2)को ले जाने वाले जीएसएलवी एमके3 रॉकेट में तकनीकी खराबी पाई गई। चांद पर स्पेसक्राफ्ट लैंड करने का चंद्रयान-2 भारत का पहला कदम था। काउंटडाउन खत्म होने से 56 मिनट 24 सेंकेड पहले ही इसमें कोई तकनीकी खराबी नजर आई, जिसके बाद इसे टालने का फैसला लिया गया।
इसरो ने प्रक्षेपण रोकने के बाद इसे दोबारा लॉन्च करने की बात कही, हालांकि उन्होंने तकनीकी खराबी का जिक्र नहीं किया। इसरो ने ट्विटर के जरिए दिए बयान में कहा,’प्रक्षेपण यान प्रणाली में टी-56 मिनट पर तकनीकी खराबी दिखी है। एहतियात के तौर पर चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण आज के लिए टाल दिया गया है। नई तारीख की घोषणा बाद में की जाएगी।’
यहां देखिए इसरो का ट्वीट-
A technical snag was observed in launch vehicle system at 1 hour before the launch. As a measure of abundant precaution, #Chandrayaan2 launch has been called off for today. Revised launch date will be announced later.
— ISRO (@isro) July 14, 2019
3,850 किलोग्राम का है चंद्रयान 2
आपको बता दें कि चंद्रयान-2 को जीएसएलवी एमके3 रॉकेट (GSLV-MkIII Rocket)के जरिए चांद पर जाना था। श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सोमवार को 2.51 बजे चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण होना था जिस पर पूरे देश की नजरें टिकी थीं। इस 3,850 किलोग्राम वजनी अंतरिक्ष यान को अपने साथ एक ऑर्बिटर, एक लैंडर और एक रोवर लेकर जाना था।
978 करोड़ रुपए में बना है चंद्रयान 2
जीएसएलवी एमके3 रॉकेट के साथ 978 करोड़ रुपये की लागत से बने चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण होने की स्थिति में इसे चंद्रमा तक पहुंचने में 54 दिन लगते। पिछले हफ्ते प्रक्षेपण संबंधी सभी प्रैक्टिस के बाद रविवार सुबह 6.51 बजे इसके प्रक्षेपण की उल्टी गिनती शुरू हुई थी। कई वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों ने कहा है कि प्रक्षेपण टलने से थोड़ी निराशा जरूर हुई है, लेकिन समय रहते तकनीकी खामी का पता चल जाना एक अच्छी बात है।
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यहां देखिए इसरो का वीडियो…
Here's some exclusive, behind-the-scenes footage of the mission's various components coming together – https://t.co/baOMowvWHa
Tell us what you think about it in the comments below. #Chandrayaan2 #GSLVMkIII #ISRO pic.twitter.com/Kguy33p2C1— ISRO (@isro) July 14, 2019