भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का दूसरा मून मिशन चंद्रयान-2 (Chandrayaan-2) सफलतापूर्वक लॉन्च हो गया है। चंद्रयान-2 को 22 जुलाई को दोपहर 2.43 बजे देश के सबसे ताकतवर बाहुबली रॉकेट GSLV-MK3 से लॉन्च किया गया। अब चांद के दक्षिणी ध्रुव तक पहुंचने के लिए चंद्रयान-2 की 48 दिन की यात्रा शुरू हो गई है। करीब 16.23 मिनट बाद चंद्रयान-2 पृथ्वी से करीब 182 किमी की ऊंचाई पर जीएसएलवी-एमके3 रॉकेट से अलग होकर पृथ्वी की कक्षा में चक्कर लगाना शुरू करेगा।
भारतीय स्पेस रिसर्च एजेंसी यानी इसरो ने चंद्रयान- 2 के लॉन्च (Chandrayaan 2) के लिए उल्टी गिनती शुरू रविवार शाम को 6.43 बजे शुरू हो चुकी थी। आज दोपहर 2.43 बजे इस चंद्रयान को रॉकेट जीएसएलवी-एमके3 से लॉन्च किया गया। इस रॉकेट को बाहुबली भी कहा जाता है। जिस रॉकेट से चंद्रयान 2 को चांद पर उतारा जाएगा उसकी लंबाई 44 मीटर और वजन 640 टन का है। यह 3.4 टन के चंद्रयान को लेकर चांद पर स्मूथ लैंडिंग करेगा।
इस मिशन को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर लॉन्च किया गया। चंद्रयान-2 को बनाने में 987 करोड़ रुपए की लागत आई है। रॉकेट लॉन्च की उल्टी गिनती के दौरान इसके पुर्जे और ईंधन की भी जांच हो चुकी है। रविवार तक चंद्रयान-2 में लिक्विड कोर स्टेज पर ईंधन भरने का काम पूरा हो गया था। अब देश के सबसे शक्तिशाली रॉकेट जीएसएलवी-एमके 3 (GSLV-MK3) के जरिए इसे चांद पर उतारा जाएगा।
यहां देखिए इसरो का ट्वीट-
आपको बता दें कि पहले ये लॉन्चिंग 15 जुलाई को होनी थी, लेकिन तकनीकी खराबी की वजह से इसे आखिरी वक्त में टाल दिया गया। इसके बाद इसरो (ISRO) ने नई डेट का ऐलान किया था। इसरो ने अब तक 3 जीएसएलवी-एमके 3 रॉकेट को अंतरिक्ष में भेज चुका है। पहला रॉकेट क्रू मॉड्यूल एटमोसफेयर री एंट्री एक्सपेरिमेंट को दिसंबर 2014 में लेकर गया।
इसरो के तीन मिशन को अंजाम दे चुका है बाहुबली
दूसरा और तीसरा जीएसएलवी-एमके3 रॉकेट कम्युनिकेशन सेटेलाइट जीएसएटी-19 (Communication Satellite) को फरवरी 2017 और जीएसएटी 29 को नवंबर 2018 में लेकर गया। अब यह चंद्रयान 2 को लेकर जा रहा है। इसके अलावा यह 2022 में भारत के अंतरिक्ष मिशन में भी इसका इस्तेमाल किया जाएगा।
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यहां देखिए इसरो का वीडियो…