छठ (Chhath Puja 2019) के पवन पर्व पर पहला अर्घ्य षष्ठी तिथि को दिया जाता है। इस समय जल में दूध डालकर डूबते सूर्य की अंतिम किरण को अर्घ्य देने की परम्परा है। ऐसा कहा जाता है कि सूर्य की एक पत्नी का नाम प्रत्यूषा है और ये अर्घ्य उन्हीं को दिया जाता है। शाम के समय अर्घ्य देने की अपनी कुछ खासियत और लाभ हैं। छठ का पहला अर्घ्य आज के दिन दिया जाना है। जाइए इससे जुड़ी अहम बातें और ऐसा करने से आपको कौन से वरदान की प्राप्ति हो सकती है।
मिलेगा खोया हुआ सम्मान
– सूर्य षष्ठी के दिन सुबह के समय जल्दी उठे और स्नान करके हल्के लाल वस्त्र पहनें
-एक तांबे की प्लेट में गुड़ और गेहूं रखकर अपने घर के मंदिर में रखें
– इसके बाद एक लाल आसन पर बैठकर तांबे के दीये में घी का दीपक जलायें
– भगवान सूर्य नारायण के सूर्याष्टक का 3 या 5 बार पाठ करें
– फिर आप अपने खोए हुए मान-सम्मान की प्राप्ति के लिए भगवान सूर्यनारायण से प्रार्थना करें।
संतान प्राप्ति का मिलेगा महावरदान
– सबसे पहले सुबह के समय एक कटोरी में गंगाजल लेकर अपने मंदिर में रख लें।
-अब लाल चंदन की माला लेकर ॐ हिरण्यगर्भाय नमः मन्त्र का 108 बार जाप करें।
-इसके बाद शिवालय में जाकर यह गंगाजल शिवलिंग पर जाकर अर्पण करें।
– इससे आपको भगवान शिव और सूर्यनारायण की कृपा से संतान का वरदान प्राप्त होगा।
जल्द मिलेगी नौकरी (Job)
– सूर्य षष्ठी के दिन सुबह के समय एक चौकोर भोजपत्र लें
– तांबे की कटोरी में लाल चंदन और गंगाजल मिलाकर स्याही तैयार करें
– अब भोजपत्र पर ॐ घृणि आदित्याय नमः तीन बार लिखें