Indian Council of Medical Research: कोरोना वायरस का प्रकोप पूरी दुनिया में आग की तरह फैलता जा रहा है। वायरस से संक्रमित मरीजों को ठीक करने के लिए बहुत कोशिश की जा रही है। इस बीच एक उम्मीद की किरण जगी है। दरअसल दिल्ली में प्लाज्मा थैरेपी के जरिए कुछ कोरोना पीड़ितों की हालत में सुधार आया है। इसपर अब अलग-अलग राज्य काम करने का विचार कर रहे हैं। ई-एजेंडा आजतक में शामिल हुए कई राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों ने इसको लेकर अपने विचार सामने रखे है। छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने कहा कि दिल्ली में ये कारगर साबित हुई है, लेकिन जिनसे प्लाज्मा ले रहे हैं उनकी सहमति भी जरूरी है। अगर ये तकनीक सही काम करती है तो उपयोग वाकही फायदेमंद होगा।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अगर इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (Indian Council of Medical Research) इसकी अनुमति देता है, तो हम भी इसपर आगे काम शुरू कर सकते हैं। वही बिहार सरकार में मंत्री संजय झा ने कहा कि ये महामारी काफी नई है, ऐसे में इसको लेकर जो भी इलाज आएगा हम उसपर काम करेंगे। अगर केंद्र सरकार किसी भी प्रयोग को अनुमति देती है, तो हम उसे राज्य में लागू कर देंगे। वहीं, राजस्थान सरकार में मंत्री रघु शर्मा का कहना है कि जो लोग कोरोना पॉजिटिव से नेगेटिव हुए हैं, उनके सैंपल लिए हुए हैं। हमने इस बारे में ICMR (Indian Council of Medical Research) को लिखा है, जैसे ही हमें अनुमति मिल जाएगी हम तुरंत राजस्थान में इस थैरेपी को अपनाने का काम करेंगे।
बता दे, राजधानी दिल्ली में करीब चार लोगों पर प्लाज्मा थैरेपी का इस्तेमाल किया गया है। इसमें से दो की हालत में काफी तेजी से सुधार आया है। बीते दिन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जो लोग कोरोना को मात दे चुके हैं उनसे प्लाज्मा देने की अपील की थी। ताकि इसका इस्तेमाल अच्छी तरह हो सके। हालांकि, राष्ट्रीय लेवल पर इसका इस्तेमाल कैसे होगा उसपर अभी आईसीएमआर की अनुमति जरूरी है। इस थैरेपी के तहत जो लोग कोरोना पॉजिटिव से नेगेटिव हो गए हैं, उनके प्लाज्मा को लिया जाता है और फिर कोरोना संक्रमित व्यक्ति को दिया जाता है जिससे इम्युन सिस्टम सुधारने में मदद मिलती है।
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