Coronavirus: देश में लगातार कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़ते जा रहे हैं। मोदी सरकार इस वायरस से हर स्तर पर नियंत्रण का प्रयास कर रही है। वायरस को रोकने के लिए केंद्र सरकार जनता से लगातार अपने घरों में ही रुकने की बात कह रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नाम संबोधन में देश की जनता (Janta Curfew) से 22 मार्च यानी आज सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक अपने अपने घरों में ही रुकने की बात कही। इसी के साथ पीएम मोदी ने सभी से शाम 5 बजे 5 मिनट तक ताली-थाली या शंख बजाने की बात भी कही है। इसके पीछे बहुत से वैज्ञानिक महत्व भी हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘जनता कर्फ्यू’ के दौरान सभी देशवासियों से आग्रह करते हुए कहा कि लोग रविवार को शाम पांच बजे अपने खिड़की-दरवाजों पर खड़े होकर कोरोना संक्रमण के माहौल में भी देश के लिए काम कर रहे डॉक्टरों, पुलिस वालों, मीडिया कर्मियों, सफाई कर्मियों, होम डिलीवरी करने वालों और अन्य जरूरी सेवाएं देने वालों का पांच मिनट तक आभार व्यक्त करें।
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ताली-थाली और शंख बजाने को लेकर कुछ विशेषज्ञों ने अपनी राय दी है। इन वैज्ञानिकों की नजर में इस पहल के वैज्ञानिक महत्व भी है। जिनका जिक्र आयुर्वेद में भी किया गया है। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
ताली बजाने से हमारे हाथों में एक्यूप्रेशर पॉइंट्स पर अच्छा दबाव पड़ता है। इससे हमारे हृदय और फेफड़ों की समस्याओं में लाभ पहुंचता है। ह्रदय संबंधी समस्याएं दूर होती हैं। फिजियोथेरेपिस्ट आनंद कुमार ने बताया कि हमारे शरीर के 30 से अधिक एक्यूप्रेशर पॉइंटस हमारी हथेलियों में ही होते हैं। प्रेशर पॉइंट पर दबाव बनने से उससे जुड़े अंगों तक ब्लड और ऑक्सीजन का सर्कुलेशन अच्छे से होने लगता है। ताली बजाना इन सभी प्रेशर पॉइंट्स को दबाने का आसान तरीका है।
इसी के साथ ही पूजा के दौरान शंख बजाए जाने का भी काफी महत्व प्राचीन ग्रंथों में बताया गया है। वातावरण में ध्वनि पैदा करने से व्यक्ति के मानसिक और शारीरिक शक्ति में स्फूर्ति आती है और आसपास का वातावरण भी अच्छा हो जाता है। शंख बजाकर, थाली बजाकर या फिर घंटी बजा कर सकारात्मक ऊर्जा वाली ध्वनि उत्पन्न की जा सकती है।
वहीं आयुर्वेद में भी शंख और घंटियों की ध्वनि का संबंध मानव मस्तिष्क से बताया गया है। घंटियां इस तरह से बनाई जाती हैं कि बजाने पर इसकी ध्वनि मनुष्य के दिमाग के दाएं और बाएं हिस्से में एकाग्रता पैदा करती हैं और मानव शरीर के उपचार केंद्रों को सक्रिय कर देती है।